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अमेरिकी उद्यमी और सीईओ जेम्स फिशबैक (James Fishback) ने भारतीय मूल के पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार विवेक रामास्वामी (Vivek Ramaswamy) पर एक तीखा तंज कसा है। फिशबैक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर रामास्वामी को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें भारत की साक्षरता दर पर भाषण देने से पहले खुद की समझ पर ध्यान देना चाहिए।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब विवेक रामास्वामी ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान भारत की शिक्षा प्रणाली और साक्षरता दर पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा था कि “भारत में अब भी शिक्षा और रोजगार के बीच भारी अंतर है, जो वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बाधा डालता है।” इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर भारतीय यूजर्स ने उनकी आलोचना शुरू कर दी।
जेम्स फिशबैक ने इसी संदर्भ में एक पोस्ट करते हुए लिखा, “Don’t lecture about Indian literacy rates, Vivek. You might want to check your own literacy in humility first.”
(“भारत की साक्षरता दर पर भाषण मत दो, विवेक। पहले अपनी विनम्रता की साक्षरता जांचो।”)
फिशबैक की यह टिप्पणी तेजी से वायरल हो गई, और कई यूजर्स ने उनकी बात का समर्थन करते हुए कहा कि रामास्वामी अक्सर भारत के सामाजिक मुद्दों पर अनावश्यक रूप से टिप्पणी करते हैं, जबकि वे वर्षों से अमेरिका में रह रहे हैं।
वहीं, रामास्वामी के समर्थकों ने फिशबैक की आलोचना को “राजनीतिक रूप से प्रेरित हमला” बताया। उनका कहना है कि विवेक केवल भारत और अमेरिका दोनों की शिक्षा प्रणाली के बीच तुलना कर रहे थे और उनके शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है।
यह पहली बार नहीं है जब विवेक रामास्वामी किसी विवाद में फंसे हों। इससे पहले भी उन्होंने AI नीति, आप्रवासन और सांस्कृतिक मुद्दों पर कई बार विवादास्पद बयान दिए हैं, जिनसे सोशल मीडिया पर गर्मागर्मी बढ़ी थी।
इस ताज़ा विवाद ने फिर से यह बहस छेड़ दी है कि भारतीय मूल के अमेरिकी नेताओं को भारत पर टिप्पणी करते समय कितनी सावधानी बरतनी चाहिए।
