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नई दिल्ली: अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA के पूर्व अधिकारी रिचर्ड बार्लो ने पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम और भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से जुड़े एक सनसनीखेज दावे का खुलासा किया है। बार्लो ने एक इंटरव्यू में बताया कि पाकिस्तान का परमाणु हथियार विकसित करने का मूल मकसद भारत का मुकाबला करना था, लेकिन यह बाद में “इस्लामिक बम” के रूप में अन्य मुस्लिम राष्ट्रों की मदद के लिए बदल गया।
🇵🇰 पाकिस्तान का मकसद: पहले भारत, फिर ‘इस्लामिक बम’
रिचर्ड बार्लो, जो 1980 के दशक में CIA के काउंटर-प्रोलिफरेशन अधिकारी थे, ने कहा कि पाकिस्तान ने अपने परमाणु कार्यक्रम को भारत की परमाणु क्षमता के जवाब में शुरू किया था। हालाँकि, उन्होंने परमाणु वैज्ञानिक ए.क्यू. खान (Abdul Qadeer Khan) को इस बदलाव का श्रेय दिया। बार्लो के अनुसार, खान का नेटवर्क अन्य मुस्लिम देशों, विशेष रूप से ईरान को परमाणु प्रौद्योगिकी प्रदान करने के इरादे से काम कर रहा था। उन्होंने कहा कि “यह मेरे लिए बहुत स्पष्ट था कि पाकिस्तान का इरादा अन्य मुस्लिम देशों को परमाणु हथियार तकनीक प्रदान करने का था – जो हुआ भी।”
🇮🇳 इज़राइल के साथ संयुक्त हमले की योजना पर ‘इंदिरा गांधी ने लगाई रोक’
बार्लो ने एक और बड़ा दावा करते हुए कहा कि 1980 के दशक की शुरुआत में भारत और इज़राइल ने पाकिस्तान की कहुटा परमाणु सुविधा पर एक संयुक्त हवाई हमले की गुप्त योजना बनाई थी। इस योजना का उद्देश्य पाकिस्तान के परमाणु महत्वाकांक्षाओं को रोकना था।
बार्लो ने पुष्टि की कि खुफिया हलकों में इस तरह की चर्चाएँ हुई थीं, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा ऑपरेशन को मंज़ूरी देने से इनकार करने के बाद इसे अंततः छोड़ दिया गया। उन्होंने अफ़सोस जताते हुए कहा, “यह कभी नहीं हुआ, यह सिर्फ चर्चा थी। यह शर्म की बात है कि इंदिरा ने इसे मंज़ूरी नहीं दी। इससे कई समस्याओं का समाधान हो जाता।”
🇺🇸 अमेरिकी अनदेखी पर सवाल
पूर्व CIA अधिकारी ने यह भी आरोप लगाया कि अमेरिका ने दशकों तक पाकिस्तान के परमाणु सौदों से जुड़ी चेतावनियों को नज़रअंदाज़ किया। बार्लो ने कहा कि तत्कालीन अमेरिकी प्रशासन, विशेष रूप से रोनाल्ड रीगन के तहत, ने अफगानिस्तान में सोवियत संघ के खिलाफ अपनी रणनीति को गैर-प्रसार प्रयासों पर प्राथमिकता दी। उन्होंने इसे “लापरवाही” बताते हुए आलोचना की।
यह वीडियो पूर्व सीआईए अधिकारी द्वारा किए गए सनसनीखेज दावों पर आधारित है, जिनमें पाकिस्तान के परमाणु हथियारों पर नियंत्रण का मुद्दा भी शामिल है। CIA का बड़ा खुलासा! मुशर्रफ ने America को बेचे Pak के परमाणु हथियार?
