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नई दिल्ली: बाजार नियामक SEBI (सेबी) ने निवेशकों को डिजिटल गोल्ड (Digital Gold) या ई-गोल्ड उत्पादों में निवेश करने के खिलाफ गंभीर रूप से आगाह किया है। सेबी ने साफ कर दिया है कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर बेचे जा रहे ये उत्पाद उसके नियामक ढांचे (Regulatory Framework) के दायरे से पूरी तरह बाहर हैं, और इनमें निवेशकों को किसी भी प्रकार की सुरक्षा (Investor Protection) नहीं मिलेगी।
🤔 क्या है सेबी की चेतावनी का मतलब?
बाजार नियामक ने एक बयान जारी कर कहा है कि यह उसके संज्ञान में आया है कि कई ऑनलाइन/डिजिटल प्लेटफॉर्म निवेशकों को ‘डिजिटल गोल्ड’ या ‘ई-गोल्ड’ उत्पादों में निवेश का विकल्प दे रहे हैं। ये उत्पाद न तो प्रतिभूति (Securities) के रूप में अधिसूचित हैं और न ही कमोडिटी डेरिवेटिव्स (Commodity Derivatives) के रूप में विनियमित हैं।
सुरक्षा का अभाव: सेबी ने स्पष्ट किया है कि ऐसे उत्पादों में निवेश के लिए प्रतिभूति बाजार के तहत उपलब्ध कोई भी निवेशक सुरक्षा तंत्र मौजूद नहीं होगा।
बड़ा जोखिम: अनियमित होने के कारण, ये उत्पाद निवेशकों के लिए काउंटरपार्टी (Counterparty) और ऑपरेशनल रिस्क (Operational Risk) जैसे बड़े जोखिम पैदा कर सकते हैं। इसका सीधा मतलब है कि अगर प्लेटफॉर्म या उससे जुड़ी कंपनी दिवालिया हो जाती है या बंद हो जाती है, तो निवेशक का पैसा डूब सकता है और उन्हें कानूनी सहायता के विकल्प सीमित होंगे।
भौतिक सोने से अलग: इन डिजिटल गोल्ड उत्पादों को अक्सर भौतिक सोने (Physical Gold) के आसान विकल्प के रूप में प्रचारित किया जाता है, लेकिन सेबी ने जोर दिया है कि ये सेबी-विनियमित गोल्ड प्रोडक्ट्स (जैसे गोल्ड ईटीएफ या ई-गोल्ड रिसीट्स) से पूरी तरह अलग हैं।
✅ सुरक्षित निवेश के विकल्प क्या हैं?
सेबी ने निवेशकों को सलाह दी है कि अगर वे सोने में निवेश करना चाहते हैं, तो उन्हें केवल सेबी-विनियमित उत्पादों का ही इस्तेमाल करना चाहिए। इनमें शामिल हैं:
गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Gold ETF): ये म्युचुअल फंड योजनाएं हैं जो भौतिक सोने में निवेश करती हैं और स्टॉक एक्सचेंज पर खरीदी/बेची जाती हैं।
इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट्स (EGRs): ये स्टॉक एक्सचेंजों पर कारोबार करने योग्य रसीदें हैं जो भौतिक सोने के अंशों का प्रतिनिधित्व करती हैं।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bonds – SGBs): ये RBI द्वारा जारी किए जाते हैं और सरकार द्वारा समर्थित होते हैं, जो सबसे सुरक्षित विकल्पों में से एक है।
सेबी ने कहा है कि इन विनियमित उत्पादों में निवेश पंजीकृत मध्यस्थों (Registered Intermediaries) के माध्यम से किया जाता है और यह सेबी द्वारा निर्धारित सख्त नियामक ढांचे के तहत शासित होता है।
