Source BBC
नई दिल्ली, 8 नवंबर 2025: भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की तेजी से बढ़ती मांग को देखते हुए दुनिया की बड़ी टेक कंपनियां अब अपने प्रीमियम AI टूल्स भारतीय यूज़र्स को मुफ्त में उपलब्ध करा रही हैं। Google, Microsoft, OpenAI और Meta जैसी कंपनियों ने हाल ही में भारत में अपने एडवांस चैटबॉट्स, कोड असिस्टेंट्स और जेनरेटिव AI ऐप्स का फ्री एक्सेस देना शुरू किया है।
भारत: AI अपनाने का सबसे तेज़ बाज़ार
भारत में इंटरनेट यूज़र्स की संख्या 80 करोड़ से अधिक हो चुकी है और उनमें से बड़ी संख्या अब जेनरेटिव AI ऐप्स जैसे ChatGPT, Gemini, Copilot और Meta AI का उपयोग कर रही है। टेक कंपनियों का मानना है कि भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्था में उपयोगकर्ताओं को मुफ्त एक्सेस देना भविष्य के लिए निवेश जैसा है, जिससे आने वाले समय में पेड सब्सक्रिप्शन और बिज़नेस एप्लिकेशन का बाजार तैयार किया जा सके।
फ्री एक्सेस के पीछे की रणनीति
विशेषज्ञों के मुताबिक, मुफ्त AI टूल्स देने की रणनीति तीन मुख्य कारणों पर आधारित है:
1. बाज़ार पकड़ना: शुरुआती स्तर पर यूज़र्स को आकर्षित कर AI इकोसिस्टम का विस्तार करना।
2. डेटा व उपयोग पैटर्न समझना: भारतीय यूज़र्स की भाषा, जरूरतें और सर्च व्यवहार जानकर मॉडल्स को और स्मार्ट बनाना।
3. ब्रांड लॉयल्टी बनाना: जो यूज़र शुरुआत में मुफ्त टूल्स इस्तेमाल करते हैं, वे भविष्य में प्रीमियम फीचर्स या बिज़नेस वर्ज़न के लिए भुगतान करने की संभावना रखते हैं।
सरकारी और शैक्षणिक सहयोग
भारत सरकार भी AI साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए इन कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रही है। स्कूलों, कॉलेजों और स्टार्टअप हब्स में AI टूल्स के इंटीग्रेशन से डिजिटल स्किल्स में तेजी से सुधार हो रहा है।
भविष्य की दिशा
विश्लेषकों का मानना है कि अगले दो वर्षों में भारत जेनरेटिव AI टूल्स के उपयोग में अमेरिका और चीन के बाद तीसरा सबसे बड़ा बाजार बन सकता है। ऐसे में फ्री एक्सेस की यह नीति न केवल यूज़र्स को आकर्षित कर रही है, बल्कि टेक कंपनियों के लिए लंबी अवधि की जीत साबित हो सकती है।
