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बांग्लादेश में राजनीतिक हलचल तब तेज हो गई जब भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस को उनके हालिया भारत-विरोधी बयानों पर कड़ी चेतावनी दी। राजनाथ सिंह के इस बयान के बाद ढाका के राजनीतिक गलियारों में खलबली मच गई है।
सूत्रों के अनुसार, राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत बांग्लादेश के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों को महत्व देता है, लेकिन यदि कोई नेता या प्रभावशाली व्यक्ति इन संबंधों को नुकसान पहुंचाने वाले बयान देता है, तो उसे गंभीरता से लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने हमेशा बांग्लादेश के विकास और स्थिरता में सहयोग दिया है, इसलिए ऐसे बयान “दोनों देशों की जनता के बीच विश्वास को कमजोर” करते हैं।
प्रो. यूनुस, जो हाल के महीनों में बांग्लादेश की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं, ने कथित तौर पर भारत की नीतियों को लेकर कठोर टिप्पणियाँ की थीं। उनके बयानों को बांग्लादेश के कई राजनीतिक विश्लेषक “अनुचित और उकसाने वाला” बता रहे हैं।
ढाका में विपक्षी दलों और यूनुस समर्थकों ने राजनाथ सिंह की प्रतिक्रिया को “राजनीतिक दबाव” करार दिया, जबकि सत्तारूढ़ दल आवामी लीग ने इसे “भारत की वैध चिंता” बताया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत-बांग्लादेश संबंध इस समय संवेदनशील दौर से गुजर रहे हैं, खासकर सीमा सुरक्षा, जल-साझाकरण और आर्थिक सहयोग जैसे मुद्दों पर। ऐसे में किसी भी प्रकार की उत्तेजक टिप्पणी दोनों देशों के संबंधों को प्रभावित कर सकती है।
राजनैतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा बांग्लादेश की घरेलू राजनीति में और गरमा सकता है, क्योंकि यूनुस पहले से ही प्रधानमंत्री शेख हसीना सरकार के साथ टकराव में हैं।
