Source The Hindu
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए कार बम धमाके की शुरुआती जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। सूत्रों के अनुसार, ऐसा प्रतीत होता है कि यह विस्फोट समय से पहले ही हो गया, क्योंकि संदिग्ध पुलिस की ताबड़तोड़ छापेमारी से घबरा गया था और उसने घबराहट में जल्दीबाजी में यह कदम उठाया। इस भयावह घटना में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई घायल हैं।
आतंक का ‘व्हाइट कॉलर’ मॉड्यूल और फरीदाबाद कनेक्शन
जांच एजेंसियों के मुताबिक, सोमवार शाम को लाल किले के पास एक सफेद रंग की Hyundai i20 कार में जोरदार धमाका हुआ। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, विस्फोट को अंजाम देने वाला पुलवामा का एक डॉक्टर, उमर मोहम्मद नबी था, जो फरीदाबाद में पकड़े गए ‘व्हाइट कॉलर’ आतंकी मॉड्यूल से जुड़ा हुआ था। इसी मॉड्यूल के दो अन्य सहयोगियों की गिरफ्तारी और पुलिस की छापेमारी से घबराकर संदिग्ध ने कथित तौर पर इस हमले को अंजाम देने की कोशिश की, जिससे बम समय से पहले ही फट गया।
धमाके के बाद NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने जांच का जिम्मा संभाल लिया है।
पता चला है कि जिस इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) का इस्तेमाल किया गया था, वह पूरी तरह से विकसित नहीं था, जिसके चलते इसका विनाशकारी प्रभाव सीमित रहा।
विस्फोट में कोई बड़ा गड्ढा नहीं बना और घटनास्थल से कोई छर्रा भी बरामद नहीं हुआ है।
सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर, कई गिरफ्तारियां
धमाके के बाद दिल्ली और आसपास के इलाकों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और दिल्ली-NCR में पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने कई जगहों पर छापेमारी की है। इस मॉड्यूल के संबंध में अब तक तीन डॉक्टरों समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी उच्च स्तरीय बैठक की है और NIA को जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।
लाल किला मेट्रो स्टेशन को सुरक्षा कारणों से बंद कर दिया गया है।
जांच एजेंसियां अब इस बात की तफ्तीश कर रही हैं कि क्या यह एक ‘फिदायीन’ (आत्मघाती) हमला था या किसी बड़े आतंकी साजिश का हिस्सा।
