नई दिल्ली, 28 फरवरी 2025 – भारत के पहले सौर मिशन, आदित्य-एल1 ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। इसरो (ISRO) द्वारा प्रक्षेपित इस मिशन के तहत सोलर अल्ट्रा-वायलेट इमेजिंग टेलीस्कोप (SUIT) ने सूर्य के एक अभूतपूर्व सौर फ्लेयर को कैद किया है। यह पहली बार है जब इतनी विस्तृत और स्पष्ट जानकारी किसी भारतीय उपकरण द्वारा दर्ज की गई है।
सौर फ्लेयर का ऐतिहासिक अवलोकन
SUIT टेलीस्कोप ने पराबैंगनी (Ultra-Violet) प्रकाश में सूर्य की बाहरी परत का विस्तृत अध्ययन किया, जिससे वैज्ञानिकों को सौर गतिविधियों की गहराई से समझने का अवसर मिलेगा। यह डेटा भविष्य में सौर तूफानों की भविष्यवाणी, अंतरिक्ष मौसम के प्रभाव और पृथ्वी के मैग्नेटोस्फियर पर उनके असर को समझने में मदद करेगा।
कैसे काम करता है SUIT टेलीस्कोप?
SUIT टेलीस्कोप सूर्य की पराबैंगनी किरणों का अध्ययन करने के लिए अत्याधुनिक फिल्टर्स और उच्च-रिज़ॉल्यूशन कैमरों का उपयोग करता है। यह टेलीस्कोप सूर्य की सतह और कोरोना की विस्तृत छवियां लेकर वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष मौसम और सौर गतिविधियों के बारे में महत्वपूर्ण डेटा प्रदान करता है।
आदित्य-एल1: भारत का पहला सौर मिशन
आदित्य-एल1, जिसे 2 सितंबर 2023 को लॉन्च किया गया था, सूर्य-पृथ्वी के बीच स्थित लग्रेंजियन पॉइंट-1 (L1) पर तैनात है। इस स्थान से यह बिना किसी बाधा के सूर्य का अध्ययन कर सकता है। मिशन का मुख्य उद्देश्य सौर गतिविधियों, सौर हवाओं और उनके पृथ्वी पर प्रभावों का विश्लेषण करना है।
वैज्ञानिकों की प्रतिक्रियाएं
इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने इस उपलब्धि पर कहा, “यह भारत के अंतरिक्ष शोध में एक ऐतिहासिक क्षण है। SUIT द्वारा कैद की गई यह जानकारी भविष्य में सौर गतिविधियों के अध्ययन में मील का पत्थर साबित होगी।”
भारतीय वैज्ञानिक समुदाय के लिए यह एक गर्व का क्षण है, जो अंतरिक्ष अनुसंधान में भारत की बढ़ती क्षमता को दर्शाता है। इस ऐतिहासिक अवलोकन से न केवल भारत, बल्कि वैश्विक स्तर पर सौर अध्ययन को न
ई दिशा मिलेगी।
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