नई दिल्ली, 1 मार्च 2025: कतर एयरवेज ने हाल ही में एक विवादास्पद घटना पर सफाई दी है, जिसमें 14 घंटे की एक लंबी उड़ान के दौरान मृत यात्री के शव को एक दंपत्ति के पास रखने का मामला सामने आया था। एयरलाइन ने अपने क्रू का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने “पेशेवर तरीके से” स्थिति को संभाला और जो सबसे उपयुक्त उपाय था, वही अपनाया।
क्या है पूरा मामला?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह घटना दोहा से ऑकलैंड जा रही कतर एयरवेज की फ्लाइट में हुई। उड़ान के दौरान एक यात्री की अचानक तबीयत बिगड़ गई और बाद में उनकी मृत्यु हो गई। चूंकि विमान में शव को रखने के लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं थी, क्रू ने शव को एक दंपत्ति के पास की सीट पर लिटा दिया।
इस घटना के बाद दंपत्ति ने सोशल मीडिया पर अपनी आपत्ति जताई, जिससे मामला तूल पकड़ गया। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए मानसिक रूप से बेहद परेशान करने वाला अनुभव था और उन्हें इस स्थिति से निपटने के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं किया गया था।
कतर एयरवेज का बयान
विवाद बढ़ने के बाद कतर एयरवेज ने बयान जारी कर कहा कि उनके क्रू ने हालात के अनुसार सही फैसला लिया। एयरलाइन के प्रवक्ता ने कहा,
“हमारे क्रू को यात्रियों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में, उन्होंने पेशेवर तरीके से स्थिति को संभाला और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर सबसे अच्छा समाधान निकाला।”
पहले भी हो चुके हैं ऐसे मामले
यह पहली बार नहीं है जब किसी एयरलाइन में उड़ान के दौरान किसी यात्री की मृत्यु हुई हो। इससे पहले भी कई अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं, और एयरलाइनों को सीमित संसाधनों के कारण शव को सीट पर ही रखने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
यात्रियों की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर यात्रियों की मिली-जुली प्रतिक्रिया आई। कुछ ने एयरलाइन का समर्थन किया, तो कुछ ने क्रू के फैसले पर सवाल उठाए। कुछ यात्रियों ने सुझाव दिया कि लंबी दूरी की उड़ानों में ऐसी अप्रत्याशित स्थितियों के लिए विशेष व्यवस्था होनी चाहिए।
निष्कर्ष
हालांकि कतर एयरवेज ने अपने क्रू के फैसले का बचाव किया है, लेकिन यह घटना हवाई यात्रा में आपातकालीन स्थितियों को संभालने के तरीकों पर एक महत्वपूर्ण बहस छेड़ सकती है। अब देखना होगा कि इस घटना के बाद एयरलाइंस अपनी नीतियों में कोई बदलाव करती हैं या नहीं।
