Source The Indian Express
दुबई: दक्षिण अफ्रीका के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज एबी डिविलियर्स ने हाल ही में ‘ब्रोंको टेस्ट’ की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने इसे सबसे खराब फिटनेस टेस्ट में से एक बताया है. डिविलियर्स का यह बयान तब आया जब भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों को भी यह टेस्ट करते हुए देखा गया था.
क्या है ब्रोंको टेस्ट?
ब्रोंको टेस्ट एक फिटनेस टेस्ट है, जिसमें एक खिलाड़ी को 20 मीटर के तीन हिस्सों में कुल 3 किलोमीटर की दौड़ पूरी करनी होती है. इसमें 20 मीटर, 40 मीटर और 60 मीटर की दूरी को 5 बार दौड़ना होता है. इस दौरान हर खिलाड़ी को कुछ समय सीमा के अंदर इस दौड़ को पूरा करना होता है. यह टेस्ट खिलाड़ियों की शारीरिक फिटनेस, ताकत और सहनशक्ति का आकलन करता है.
डिविलियर्स का बयान:
अपने यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए डिविलियर्स ने इस टेस्ट को लेकर अपनी राय साझा की. उन्होंने कहा, “यह सबसे खराब टेस्ट में से एक है जिसे आप कर सकते हैं. मेरे फेफड़े जलने लगते थे. मैं इस टेस्ट को बिल्कुल भी पसंद नहीं करता था.” उन्होंने आगे कहा, “यह एक ऐसा टेस्ट था, जिसमें मैं कभी भी सफल नहीं हो पाया. यह सबसे कठिन टेस्टों में से एक है. मैं इस टेस्ट से काफी नफरत करता था.”
इस टेस्ट को लेकर डिविलियर्स की राय बिल्कुल स्पष्ट है. उन्होंने कहा कि यह टेस्ट खिलाड़ियों को मानसिक और शारीरिक दोनों तरह से थका देता है.
विराट कोहली और ब्रोंको टेस्ट:
विराट कोहली को भी यह टेस्ट करते हुए देखा गया है. कोहली को ब्रोंको टेस्ट का अभ्यास करते हुए देखा गया था. यह टेस्ट इतना मुश्किल है कि इसे पूरा करने में एक खिलाड़ी के फेफड़े तक जलने लगते हैं.
ब्रोंको टेस्ट की प्रतिक्रिया:
क्रिकेट में कई ऐसे फिटनेस टेस्ट होते हैं जो खिलाड़ियों की शारीरिक फिटनेस और सहनशक्ति का आकलन करते हैं. लेकिन ब्रोंको टेस्ट को सबसे मुश्किल माना जाता है. कई खिलाड़ियों ने इस टेस्ट की मुश्किलों पर अपनी राय दी है, लेकिन डिविलियर्स का बयान सबसे स्पष्ट है. उन्होंने बिना किसी हिचकिचाहट के इसे सबसे खराब टेस्ट में से एक बताया है.
डिविलियर्स ने कहा कि इस तरह के टेस्ट खिलाड़ियों को मानसिक रूप से भी प्रभावित करते हैं. उन्होंने कहा, “आपको यह महसूस होता है कि आप हर मिनट के बाद थक रहे हैं, यह बहुत ही कठिन है.”
कुल मिलाकर, डिविलियर्स का बयान इस बात को उजागर करता है कि ब्रोंको टेस्ट कितना मुश्किल है और यह खिलाड़ियों के लिए कितना चुनौतीपूर्ण हो सकता है.
