अदाणी समूह ने अमेरिका में $10 बिलियन (लगभग ₹75,000 करोड़) के निवेश की अपनी योजना को पुनर्जीवित किया है, जो पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतिगत राहतों के बाद संभव हुआ है। समूह के संस्थापक, गौतम अदाणी, ने ट्रंप के चुनाव के बाद अमेरिकी ऊर्जा सुरक्षा और बुनियादी ढांचे में $10 बिलियन निवेश करने और 15,000 नौकरियां सृजित करने का वादा किया था।
हालांकि, अदाणी पर अमेरिकी अभियोजकों द्वारा $265 मिलियन के भारतीय सौर ऊर्जा रिश्वत कांड में आपराधिक आरोप लगाए गए थे, जिससे ये योजनाएं ठप हो गई थीं। समूह ट्रंप के हालिया आदेश को संभावित राहत के रूप में देख रहा है, जिससे अदाणी के खिलाफ आरोप हटाए जा सकते हैं। अदाणी समूह, जो भारत के बुनियादी ढांचे और हरित ऊर्जा क्षेत्रों में मजबूत उपस्थिति रखता है, अब अमेरिका के पूर्वी तट पर परमाणु ऊर्जा, उपयोगिताओं और बंदरगाह विकास में परियोजनाओं पर विचार कर रहा है।
समूह ने आरोपों का मुकाबला करने के लिए अमेरिकी कानूनी फर्मों और लॉबिंग प्रयासों में भी संलग्न किया है। संभावित निवेशों ने राजनीतिक चर्चाओं को जन्म दिया है, क्योंकि अदाणी के भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रंप प्रशासन के साथ संबंध अमेरिका-भारत संबंधों को प्रभावित कर सकते हैं।
यह घटनाक्रम अदाणी समूह के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जो अमेरिका में अपने निवेश को आगे बढ़ाने के लिए कानूनी चुनौतियों का सामना कर रहा है। समूह की अमेरिकी निवेश योजनाओं का पुनरुद्धार वैश्विक ऊर्जा और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में उनकी बढ़ती महत्वाकांक्षाओं को दर्शाता है।
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