SOURCE The Indian Express
अहमदाबाद, [17 जुलाई]: अहमदाबाद में हुए भीषण एयर इंडिया विमान हादसे की जांच में अब एक नया और महत्वपूर्ण मोड़ आ गया है। जांचकर्ता इस बात पर गहनता से गौर कर रहे हैं कि क्या दुर्घटना से ठीक कुछ घंटे पहले विमान में एक तकनीकी खराबी आई थी, और सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या इंजन के फ्यूल कटऑफ स्विच पायलट के कमांड के बिना ही बंद हो सकते हैं।
12 जून को अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद एयर इंडिया की उड़ान AI-171 दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिसमें विमान में सवार सभी 260 लोगों की मौत हो गई थी। इस दुर्घटना की प्रारंभिक रिपोर्ट में यह सामने आया था कि उड़ान भरने के तुरंत बाद विमान के दोनों इंजनों की ईंधन आपूर्ति बंद हो गई थी, जिससे विमान नीचे आ गिरा। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में पायलटों के बीच हुई बातचीत से यह भी पता चला था कि एक पायलट ने दूसरे से पूछा था, “आपने कटऑफ क्यों किया?”, जिस पर दूसरा पायलट जवाब देता है, “मैंने ऐसा नहीं किया।”
अब जांच में यह महत्वपूर्ण पहलू सामने आया है कि इस घातक उड़ान से कुछ घंटे पहले, जब यही विमान दिल्ली से अहमदाबाद आया था, तो पायलट ने तकनीकी लॉगबुक में ‘स्टेबलाइजर पोजीशन ट्रांसड्यूसर डिफेक्ट’ (Stabilizer Position Transducer Defect) नामक एक खराबी दर्ज की थी। हालांकि, यह खराबी सीधी दुर्घटना का कारण नहीं मानी जा रही है, लेकिन जांचकर्ता यह पता लगा रहे हैं कि क्या इसने विमान के समग्र सेंसर सिस्टम में बड़ी विफलता में योगदान दिया हो सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि फ्यूल कंट्रोल स्विच पायलट के इनपुट के बिना ‘कटऑफ’ मोड में चले गए, तो यह एक गंभीर प्रणालीगत समस्या को इंगित करेगा। इसमें कई विमान प्रणालियों, जैसे कि विद्युत आपूर्ति, फुल अथॉरिटी डिजिटल इंजन कंट्रोल (FADEC) लॉजिक, या दोषपूर्ण सेंसर के बीच की जटिल परस्पर क्रिया शामिल हो सकती है। फ्यूल कंट्रोल स्विचों को बेहद सुरक्षित तरीके से डिजाइन किया जाता है ताकि अनजाने में उनका संचालन न हो सके। इनमें एक लॉकिंग मैकेनिज्म होता है जिसे ‘रन’ से ‘कटऑफ’ या इसके विपरीत करने के लिए उठाना और फिर स्लॉट में ले जाना पड़ता है।
जांच ब्यूरो (AAIB) अब इस संभावना की पड़ताल कर रहा है कि क्या स्वचालित कमांड की एक श्रृंखला या एक सॉफ्टवेयर गड़बड़ी, न कि पायलट की जानबूझकर की गई कार्रवाई, ने इंजन को बीच हवा में बंद कर दिया। यह भी गौरतलब है कि दिसंबर 2024 में इसी AI-171 उड़ान को एक बड़ी विद्युत विफलता के कारण रद्द करना पड़ा था।
यह रहस्योद्घाटन इस बात पर गंभीर सवाल खड़े करता है कि क्या विमान के रखरखाव और तकनीकी जांच प्रक्रियाओं में कोई चूक हुई थी। बोइंग और नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) दोनों इस जांच पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं, क्योंकि यह न केवल एयर इंडिया बल्कि वैश्विक विमानन सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण निहितार्थ रखता है।
