नई दिल्ली, 25 फरवरी 2025: एक हालिया वैश्विक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में स्तन कैंसर के मामले दुनिया में सबसे अधिक हैं। शोधकर्ताओं ने विभिन्न देशों के आंकड़ों का विश्लेषण करते हुए क्षेत्रीय असमानताओं को उजागर किया है, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि विकसित देशों में स्तन कैंसर की दर अपेक्षाकृत अधिक है।
अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा प्रकाशित इस रिपोर्ट के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में प्रति लाख महिलाओं में स्तन कैंसर के मामलों की संख्या अन्य क्षेत्रों की तुलना में अधिक पाई गई। इसके पीछे प्रमुख कारण जीवनशैली में बदलाव, देर से मातृत्व, मोटापा और हार्मोनल असंतुलन बताए जा रहे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक:
- ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में प्रति लाख महिलाओं में स्तन कैंसर के मामलों की दर सर्वाधिक है।
- उत्तरी अमेरिका और पश्चिमी यूरोप भी उच्च स्तन कैंसर दर वाले क्षेत्रों में शामिल हैं।
- एशिया और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में स्तन कैंसर की दर अपेक्षाकृत कम है, लेकिन वहां देर से निदान और उपचार की कमी के कारण मृत्यु दर अधिक है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
कैंसर विशेषज्ञों का मानना है कि विकसित देशों में स्तन कैंसर के अधिक मामले सामने आने का कारण बेहतर स्क्रीनिंग सुविधाएं भी हो सकती हैं। डॉ. लुईस मर्टिन, जो इस अध्ययन की प्रमुख शोधकर्ता हैं, बताती हैं, “हम विकसित देशों में स्तन कैंसर के अधिक मामलों को देख रहे हैं, क्योंकि वहां शुरुआती जांच और निदान की सुविधाएं अधिक उपलब्ध हैं। हालांकि, इसका एक पहलू यह भी है कि बदलती जीवनशैली और भोजन की आदतें भी जोखिम बढ़ा रही हैं।”
स्तन कैंसर से बचाव के उपाय
विशेषज्ञों के अनुसार, स्तन कैंसर के खतरे को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाने चाहिए:
निष्कर्ष
यह अध्ययन वैश्विक स्तर पर स्तन कैंसर के मामलों की असमानता को दर्शाता है और स्वास्थ्य नीतियों में बदलाव की आवश्यकता पर बल देता है। विकसित देशों में स्तन कैंसर की बढ़ती दर के पीछे कई सामाजिक और जैविक कारण हैं, जिन्हें समझकर इससे बचाव और उपचार के प्रभावी उपाय किए जा सकते हैं।