सिडनी: ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों ने एक नया रक्त परीक्षण विकसित किया है, जो गर्भावस्था के शुरुआती चरण में ही संभावित स्वास्थ्य जटिलताओं का पता लगाने में सक्षम होगा। यह परीक्षण गर्भवती महिलाओं और उनके शिशुओं के लिए सुरक्षित और समय पर चिकित्सा हस्तक्षेप सुनिश्चित करने में मदद करेगा।
शोधकर्ताओं के अनुसार, यह परीक्षण हाई-रिस्क गर्भावस्था वाले मामलों में उपयोगी साबित हो सकता है, जिसमें प्री-एक्लेम्पसिया, गर्भकालीन मधुमेह (जेस्टेशनल डायबिटीज) और समय से पूर्व प्रसव जैसी स्थितियों का जल्द पता लगाया जा सकेगा।
कैसे काम करता है यह टेस्ट?
यह नया परीक्षण रक्त के नमूने में जैविक संकेतकों (बायोमार्कर्स) का विश्लेषण करता है, जो गर्भावस्था की जटिलताओं से जुड़े होते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह टेस्ट न केवल सटीक है बल्कि मौजूदा परीक्षण विधियों की तुलना में अधिक तेज़ और प्रभावी भी है।
शोध का नेतृत्व करने वाले वैज्ञानिकों की राय
इस शोध का नेतृत्व कर रहे वैज्ञानिकों में से एक, डॉ. एमा स्मिथ ने कहा, “हमारा उद्देश्य गर्भवती महिलाओं के लिए एक सरल और प्रभावी निदान विधि विकसित करना है, जिससे गंभीर जटिलताओं को समय रहते रोका जा सके। यह परीक्षण गर्भावस्था की देखभाल में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है।”
भविष्य की संभावनाएँ
वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि यह परीक्षण व्यापक स्तर पर उपलब्ध होने से मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सकेगा। वर्तमान में इस परीक्षण के बड़े पैमाने पर नैदानिक परीक्षण चल रहे हैं, और जल्द ही यह स्वास्थ्य सेवाओं में शामिल किया जा सकता है