Source India Today
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे दो राज्यों में कथित तौर पर कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत के मामलों के बाद, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बड़ी एडवाइजरी जारी की है। केंद्र सरकार ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को खांसी का सिरप बिल्कुल नहीं दिया जाना चाहिए।
बच्चों में खांसी की दवा के तर्कसंगत उपयोग (rational use) पर यह परामर्श सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जारी किया गया है। मंत्रालय ने सलाह दी है कि बच्चों को किसी भी तरह का कफ सिरप देने से पहले अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए। मंत्रालय के अनुसार, दो साल से कम उम्र के बच्चों में ये दवाएँ आमतौर पर सुरक्षित नहीं मानी जाती हैं। यहाँ तक कि 2 से 6 साल के बच्चों को भी डॉक्टर की सलाह पर ही सटीक खुराक में दवा दी जानी चाहिए।
राजस्थान और मध्य प्रदेश में हाल ही में बच्चों की मौत के मामले सामने आए थे, जिसमें कफ सिरप के सेवन से किडनी फेल होने की आशंका जताई गई थी। हालांकि, शुरुआती जाँच में कफ सिरप के सैंपल में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल या एथिलीन ग्लाइकॉल जैसे हानिकारक टॉक्सिन (जहरीले रसायन) नहीं पाए गए हैं। लेकिन, बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एहतियात के तौर पर यह एडवाइजरी जारी की गई है।
मंत्रालय ने डॉक्टरों और माता-पिता दोनों से अपील की है कि वे वायरल इन्फेक्शन या साधारण खांसी-जुकाम के मामलों में बच्चों को तुरंत कफ सिरप देने से बचें। इसके बजाय, बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए अन्य वैकल्पिक तरीकों पर विचार करें और केवल विशेष चिकित्सा विशेषज्ञ की सलाह पर ही दवाओं का उपयोग करें। यदि किसी बच्चे को दवा देने के बाद स्वास्थ्य बिगड़ता है तो तुरंत स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों को सूचित करें। यह कदम बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए उठाया गया है, ताकि दवा के गलत या अत्यधिक इस्तेमाल से होने वाले किसी भी संभावित खतरे को रोका जा सके।
