हत्या की पृष्ठभूमि और क्रूरता
संतोष देशमुख ने बीड जिले में अवाडा नामक ऊर्जा कंपनी से जबरन वसूली के प्रयासों का विरोध किया था। इस विरोध के चलते उनका अपहरण किया गया और उन्हें लोहे की रॉड, डंडों और जंजीरों से पीटा गया। आरोपियों ने उन्हें वाहन से बांधकर घसीटा, जिससे उनके शरीर पर 56 घाव आए। जब उन्होंने पानी मांगा, तो आरोपियों ने उनके चेहरे पर पेशाब किया।
आरोपियों की गिरफ्तारी और राजनीतिक संबंध
इस मामले में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें मुख्य आरोपी वाल्मिक कराड शामिल हैं, जो मंत्री धनंजय मुंडे के करीबी सहयोगी माने जाते हैं। वाल्मिक कराड परली नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष हैं और मुंडे के कट्टर समर्थक बताए जाते हैं।
जनाक्रोश और इस्तीफा
हत्या की भयावह तस्वीरें और आरोपपत्र के विवरण सामने आने के बाद राज्य में जनाक्रोश भड़क उठा। विपक्ष ने धनंजय मुंडे के इस्तीफे की मांग तेज कर दी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि मुंडे ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है, जिसे स्वीकार कर राज्यपाल को भेज दिया गया है।
निष्कर्ष
संतोष देशमुख की हत्या ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है, जिससे मंत्री धनंजय मुंडे को इस्तीफा देना पड़ा। यह घटना कानून व्यवस्था और राजनीतिक संबंधों पर गंभीर सवाल खड़े करती है, जिनका समाधान आवश्यक है।