Source Deccan Herald
बेंगलुरु: आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के खिलाफ बेंगलुरु में पशु कल्याण कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। शनिवार को फ्रीडम पार्क में एकत्र हुए लगभग 400 कार्यकर्ताओं ने इस आदेश के विरोध में एकजुटता मार्च निकाला, जिसमें कुत्तों को पकड़कर शेल्टर होम में रखने का निर्देश दिया गया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह निर्णय न केवल अव्यावहारिक है, बल्कि जानवरों के प्रति क्रूरता भी है।
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद से देश भर में पशु प्रेमियों और कार्यकर्ताओं के बीच भारी रोष है। बेंगलुरु में यह विरोध प्रदर्शन दिल्ली के कुत्तों के समर्थन में आयोजित किया गया था, लेकिन इसका उद्देश्य देश भर के आवारा जानवरों के अधिकारों के लिए एक मजबूत संदेश देना था।
यह मार्च ‘यूनाइटेड फॉर कंपैशन’ के संस्थापक अभिषेक आर कुंडिन्या और ‘सहवर्तिन एनिमल ट्रस्ट’ की सहना हेगड़े द्वारा आयोजित किया गया था। इस दौरान, अभिषेक कुंडिन्या ने कहा, “इस मार्च के जरिए, हम दिल्ली के कुत्तों और देश भर के जानवरों के लिए अपना समर्थन जताते हैं। हमारा मिशन सिर्फ एक कार्यक्रम तक सीमित नहीं है, बल्कि हम एक मजबूत, एकजुट समुदाय का निर्माण कर रहे हैं जो हमारे सामुदायिक कुत्तों के साथ खड़ा है।”
कार्यकर्ताओं ने जोर देकर कहा कि आवारा कुत्तों की समस्या का समाधान उन्हें पकड़कर शेल्टर में बंद करना नहीं है, बल्कि ‘एनिमल बर्थ कंट्रोल’ (एबीसी) नियमों का पालन करना है, जिसमें कुत्तों का टीकाकरण और नसबंदी शामिल है। उनका मानना है कि यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध और मानवीय तरीका है। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “शेल्टर होम में कुत्तों को स्थायी रूप से रखना एक अच्छा विचार नहीं है। इससे शेल्टरों में भीड़ बढ़ेगी और संसाधनों की कमी हो जाएगी।”
इस विरोध प्रदर्शन में विभिन्न संगठनों के लोग शामिल हुए, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने आदेश पर पुनर्विचार करने और आवारा कुत्तों के लिए एक अधिक दयालु और व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाने की अपील की। कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि इस तरह के आदेश लागू होते हैं, तो यह न केवल कुत्तों के लिए, बल्कि आम लोगों के लिए भी समस्याएं पैदा करेगा, क्योंकि जबरन विस्थापन से जानवर और भी अधिक आक्रामक हो सकते हैं। यह विरोध प्रदर्शन पशु अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और सरकार से इस मुद्दे का समाधान मानवीय तरीके से करने की मांग को लेकर एक महत्वपूर्ण कदमथा।
