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बेंगलुरु, 8 जुलाई 2025: कल, 9 जुलाई 2025 को विभिन्न केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद के कारण बेंगलुरु में सामान्य जनजीवन पर आंशिक प्रभाव पड़ने की संभावना है। हालांकि, अधिकांश स्कूल और कॉलेज खुले रहने की उम्मीद है, लेकिन बैंकिंग और कुछ अन्य सेवाओं में व्यवधान आ सकता है।
क्या खुला रहेगा और क्या बंद?
स्कूल और कॉलेज: कर्नाटक सरकार ने 9 जुलाई को स्कूलों और कॉलेजों के लिए किसी छुट्टी की घोषणा नहीं की है। ऐसे में शैक्षणिक संस्थान खुले रहने की उम्मीद है। हालांकि, परिवहन संबंधी संभावित मुद्दों के कारण छात्रों की उपस्थिति कम हो सकती है। माता-पिता और छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे अपने संबंधित संस्थानों से नवीनतम अपडेट के लिए संपर्क में रहें।
बैंक: बैंकिंग सेवाएं प्रभावित होने की पूरी संभावना है। ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉइज एसोसिएशन (AIBEA) सहित विभिन्न बैंक यूनियनों ने इस हड़ताल का समर्थन किया है। इसके परिणामस्वरूप चेक क्लीयरेंस, खाता संबंधी पूछताछ और ऋण प्रसंस्करण जैसी सेवाओं में देरी हो सकती है।
सार्वजनिक परिवहन: बेंगलुरु मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (BMRCL) और कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (KSRTC) ने अभी तक सेवाओं को रोकने की घोषणा नहीं की है। हालांकि, यात्रियों को संभावित देरी या रद्द होने के लिए तैयार रहना चाहिए, खासकर उन क्षेत्रों में जहां विरोध प्रदर्शन हो सकते हैं। ऐप-आधारित कैब और ऑटो-रिक्शा सेवाएं भी सीमित क्षमता पर काम कर सकती हैं।
डाक और सरकारी सेवाएं: डाक कर्मचारियों के हड़ताल में शामिल होने की वजह से मेल डिलीवरी और अन्य आवश्यक सेवाओं में देरी हो सकती है। सरकारी कार्यालय खुले रहेंगे, लेकिन कर्मचारियों की कमी के कारण काम धीमा हो सकता है।
निजी क्षेत्र और आईटी कंपनियां: बेंगलुरु की कई आईटी कंपनियां और स्टार्टअप स्थिति पर करीब से नज़र रख रहे हैं। कुछ कंपनियां कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति दे सकती हैं, खासकर यदि परिवहन या सुरक्षा संबंधी कोई समस्या उत्पन्न होती है। डिलीवरी और लॉजिस्टिक्स सेवाओं में भी देरी हो सकती है, यदि विरोध प्रदर्शन शहर के प्रमुख क्षेत्रों को अवरुद्ध करते हैं।
आवश्यक सेवाएं: अस्पताल, आपातकालीन सेवाएं और पुलिस विभाग सामान्य रूप से काम करने की उम्मीद है, हालांकि सड़क पहुंच कुछ स्थानों पर अस्थायी रूप से बाधित हो सकती है।
बंद का कारण:
यह भारत बंद केंद्र सरकार की “जन-विरोधी, किसान-विरोधी और कॉर्पोरेट-समर्थक नीतियों” के विरोध में 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के एक मंच द्वारा बुलाया गया है। यूनियनों का आरोप है कि सरकार निजीकरण, आउटसोर्सिंग और श्रम के अनौपचारिकरण को बढ़ावा दे रही है।
नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी यात्रा की योजना पहले से बना लें और स्थानीय सलाहों का पालन करें, खासकर उन क्षेत्रों में जहां संघ की गतिविधि अधिक हो सकती है।
