नई दिल्ली, 23 फरवरी 2025 – भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक बड़ा फैसला लेते हुए विभिन्न प्रकार के ऋणों (लोन) पर पूर्व भुगतान (प्रीपेमेंट) पर लगने वाले जुर्माने को समाप्त कर दिया है। इस निर्णय से देशभर के लाखों उधारकर्ताओं को राहत मिलेगी, खासकर वे लोग जो अपने ऋण को समय से पहले चुकाने की योजना बना रहे हैं।
क्या है नया बदलाव?
आरबीआई ने बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) को निर्देश दिया है कि वे ग्राहकों से लोन का पूर्व भुगतान करने पर कोई अतिरिक्त शुल्क न लें। यह नियम आवास ऋण (होम लोन), वाहन ऋण (ऑटो लोन), व्यक्तिगत ऋण (पर्सनल लोन) और अन्य खुदरा ऋणों पर लागू होगा।
उधारकर्ताओं को कैसे होगा फायदा?
1. ब्याज की बचत: ग्राहक अपने लोन को जल्दी चुकाकर लंबे समय तक ब्याज देने से बच सकेंगे।
2. आर्थिक स्वतंत्रता: उधारकर्ता अपने वित्तीय प्रबंधन में अधिक स्वतंत्रता और लचीलापन प्राप्त कर सकेंगे।
3. ऋण पुनर्वित्त की सुविधा: ग्राहक बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के अपने लोन को कम ब्याज दर वाले लोन से बदल सकेंगे।
बैंकिंग क्षेत्र पर प्रभाव
विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से बैंक और NBFC के राजस्व पर कुछ प्रभाव पड़ सकता है, लेकिन दीर्घकालिक रूप से यह ग्राहक-अनुकूल नीति बैंकिंग क्षेत्र में विश्वास को मजबूत करेगी। इससे लोग अधिक पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धी ब्याज दरों के साथ वित्तीय उत्पादों का लाभ उठा सकेंगे।
आरबीआई का उद्देश्य
आरबीआई का यह फैसला ग्राहकों को राहत देने के साथ-साथ वित्तीय प्रणाली को और अधिक समावेशी और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
यह निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है, जिससे सभी मौजूदा और नए ऋणधारकों को इसका लाभ मिलेगा।
यह खबर उधारकर्ताओं के लिए निश्चित रूप से एक बड़ी राहत है। अगर आपको इसमें कोई बदलाव या अति
रिक्त जानकारी चाहिए, तो बताएं!
