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बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक माहौल गर्म होता जा रहा है। INDIA गठबंधन की एक सहयोगी पार्टी ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि अगर गठबंधन सत्ता में आता है तो राज्य में वक्फ अधिनियम लागू नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही पार्टी ने शराबबंदी कानून की समीक्षा करने का भी वादा किया है।
पार्टी के नेताओं का कहना है कि वक्फ अधिनियम ने कई विवाद और संपत्ति संबंधी विवाद खड़े किए हैं, जिससे आम लोगों में असंतोष है। इसलिए, सत्ता में आने पर इस कानून को लागू न करने और इसके प्रावधानों पर पुनर्विचार करने की बात कही गई है।
इसके अलावा, पार्टी ने बिहार में लागू शराबबंदी नीति को “जनविरोधी और अव्यवहारिक” बताया। उनका कहना है कि इस कानून के चलते गरीब वर्ग और छोटे कारोबारियों को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। पार्टी का वादा है कि नई सरकार बनने पर शराबबंदी की समीक्षा कर इसे अधिक व्यावहारिक बनाया जाएगा।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान चुनावी रणनीति का हिस्सा है, जिसका मकसद ग्रामीण और पिछड़े वर्ग के मतदाताओं को साधना है। बिहार में इस बार चुनावी मुकाबला बेहद दिलचस्प होता जा रहा है, जहां सामाजिक और धार्मिक मुद्दे प्रमुख एजेंडा बनते दिख रहे हैं।
