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नई दिल्ली: क्रिप्टोकरेंसी बाज़ार में रविवार को एक ऐतिहासिक उछाल देखने को मिला, जब दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन ने $125,000 (लगभग ₹1.03 करोड़) के स्तर को पार करते हुए एक नया सर्वकालिक उच्च (All-Time High – ATH) रिकॉर्ड स्थापित कर दिया। इस तेज़ी ने डिजिटल संपत्ति के भविष्य में निवेशकों के बढ़ते विश्वास को और मजबूत कर दिया है।
रविवार की सुबह एशियाई व्यापारिक सत्र के दौरान, बिटकॉइन $125,689 के स्तर पर पहुँच गया, जिसने अगस्त के मध्य में स्थापित अपने पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया। इस शानदार वृद्धि के पीछे कई प्रमुख कारकों का संयोजन बताया जा रहा है।
बाज़ार विश्लेषकों के अनुसार, संस्थागत निवेशकों (Institutional Investors) से लगातार मिल रही मज़बूत मांग, बिटकॉइन-आधारित एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) में ताज़ा निवेश प्रवाह और व्यापक आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण बिटकॉइन को एक ‘सुरक्षित ठिकाना’ (Safe-Haven) के रूप में देखा जाना इस तेज़ी के मुख्य कारण हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में सरकारी कामकाज बंद होने जैसी भू-राजनीतिक चिंताएं भी निवेशकों को डॉलर-आधारित संपत्तियों से दूर और बिटकॉइन जैसे वैकल्पिक और सीमित आपूर्ति वाले साधनों की ओर धकेल रही हैं। ‘अक्टूबर’ महीने को ऐतिहासिक रूप से बिटकॉइन के लिए मज़बूत माना जाता है, और इस वर्ष भी इस डिजिटल गोल्ड ने निवेशकों को 30% से अधिक का शानदार रिटर्न दिया है।
इस नई ऊँचाई के साथ, बिटकॉइन का बाज़ार पूंजीकरण (Market Capitalization) $2.4 ट्रिलियन से अधिक हो गया है, जिससे यह Amazon जैसी दिग्गज कंपनियों के मार्केट कैप को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की सातवीं सबसे मूल्यवान संपत्ति बन गया है।
बाज़ार पर करीब से नज़र रखने वाले कई जानकार अब यह अनुमान लगा रहे हैं कि संस्थागत पैठ और सीमित आपूर्ति के चलते साल के अंत तक बिटकॉइन की कीमत $150,000 की ओर बढ़ सकती है, जो इसे और भी बड़े वैश्विक वित्तीय परिसंपत्तियों के करीब ले जाएगा।
