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नई दिल्ली: अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी बोइंग (Boeing) के शेयरों में शुक्रवार को फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) की एक महत्वपूर्ण घोषणा के बाद लगभग 4% की जबरदस्त उछाल देखने को मिली। यह घोषणा बोइंग के लिए एक बड़ा कदम मानी जा रही है, क्योंकि एफएए ने कंपनी को 737 MAX और 787 ड्रीमलाइनर विमानों के लिए एयरवर्थिनेस सर्टिफिकेट (Airworthiness Certificate) जारी करने का अधिकार आंशिक रूप से बहाल कर दिया है।
6 साल बाद मिली आंशिक राहत
सितंबर 2025 से बोइंग को सीमित प्रतिनिधित्व के तहत कुछ 737 MAX और 787 विमानों के लिए एयरवर्थिनेस सर्टिफिकेट जारी करने की अनुमति होगी। यह प्रमाण पत्र पुष्टि करता है कि कोई विमान संचालन के लिए सुरक्षित है।
737 MAX विमानों के लिए यह अधिकार 2019 में घातक दुर्घटनाओं के बाद वापस ले लिया गया था।
787 ड्रीमलाइनर के लिए, उत्पादन गुणवत्ता की चिंताओं के कारण 2022 में यह अधिकार रद्द किया गया था।
एफएए ने स्पष्ट किया है कि यह कदम सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है और यह बोइंग की चल रही उत्पादन गुणवत्ता की गहन समीक्षा के बाद लिया गया है। एजेंसी ने कहा कि वह बोइंग की उत्पादन प्रक्रियाओं पर प्रत्यक्ष और कठोर निगरानी बनाए रखेगी। समझौते के तहत, बोइंग और एफएए बारी-बारी से सप्ताह में एयरवर्थिनेस सर्टिफिकेट जारी करेंगे।
निवेशकों में विश्वास बहाल
एफएए के इस निर्णय को बोइंग की सुरक्षा और गुणवत्ता चुनौतियों से उबरने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि भले ही इस कदम से तत्काल विमानों की डिलीवरी में तेजी न आए, लेकिन यह बाजार में बोइंग में बढ़ते विश्वास को दर्शाता है, जिसके चलते शुक्रवार को इसके शेयरों में उछाल आया। यह घोषणा विमानन उद्योग के लिए भी महत्वपूर्ण है, जो बोइंग के प्रमुख विमानों की वापसी और डिलीवरी में सुधार का बेसब्री से इंतजार कर रहा है।
