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नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए कृत्रिम वर्षा यानी ‘क्लाउड सीडिंग’ का दूसरा परीक्षण (ट्रायल) आज सफलतापूर्वक किया गया है। आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) के विमान ने कानपुर से उड़ान भरी और दिल्ली के खेकरा, बुराड़ी, नॉर्थ करोल बाग, मयूर विहार, सड़कपुर और भोजपुर जैसे बाहरी इलाकों में ‘सिल्वर आयोडाइड’ (Silver Iodide) का छिड़काव किया।
पायलट प्रोजेक्ट में बड़ी कामयाबी
दिल्ली सरकार में मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि इस दूसरे ट्रायल को सफल माना गया है। प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। उन्होंने जानकारी दी कि विमान ने लगभग आधे घंटे तक उड़ान भरी और इस दौरान क्लाउड सीडिंग के लिए आठ फ्लेयर्स का उपयोग किया गया। आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई है कि परीक्षण के 15 मिनट से लेकर 4 घंटे के भीतर दिल्ली के कुछ हिस्सों में बारिश हो सकती है।
प्रदूषण से राहत की उम्मीद
हालांकि, अधिकारियों ने यह भी बताया कि बादलों में नमी (Humidity) का स्तर केवल 15-20% था, जबकि कृत्रिम वर्षा के लिए आदर्श रूप से 50-60% नमी की आवश्यकता होती है। इसके बावजूद, यह प्रयास गंभीर वायु प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है। पिछले सप्ताह बुराड़ी इलाके में भी एक ट्रायल किया गया था, लेकिन कम नमी के कारण बारिश नहीं हो पाई थी। सरकार अगले कुछ दिनों में मौसम की अनुकूलता के आधार पर 9-10 और ट्रायल करने की योजना बना रही है। यदि ये परीक्षण सफल रहते हैं, तो प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए क्लाउड सीडिंग की एक दीर्घकालिक योजना तैयार की जाएगी।
