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नई दिल्ली: दिल्ली के एक प्रमुख संस्थान के पूर्व निदेशक और स्वयंभू ‘स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती’ (उर्फ पार्थ सारथी) को यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोपों में पुलिस हिरासत में ले लिया गया है। पुलिस हिरासत में आने के बाद इस तथाकथित ‘बाबा’ द्वारा बुने गए झूठ के विशाल जाल का पर्दाफाश हुआ है। जांच में सामने आया है कि वह लोगों को प्रभावित करने और अपना दबदबा बनाने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO), संयुक्त राष्ट्र (UN) और BRICS जैसे प्रतिष्ठित वैश्विक समूहों से अपने फर्जी ‘संबंधों’ का दावा करता था।
झूठ का ताना-बाना:
जांच अधिकारियों के अनुसार, स्वामी चैतन्यानंद, जो दिल्ली के वसंत कुंज स्थित श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट के पूर्व निदेशक थे, अपने सहयोगियों के माध्यम से लोगों के बीच यह प्रचारित करवाता था कि उसके PMO में ऊंचे संपर्क हैं। यह दावा उसे समर्थन और सहयोग हासिल करने में मदद करता था, खासकर तब जब वह पुलिस से बचने की कोशिश कर रहा था। पुलिस ने उसकी लाल रंग की वोल्वो कार भी जब्त की है, जिस पर संयुक्त राष्ट्र (UN) के प्रतीक चिन्ह वाली कई फर्जी नंबर प्लेट लगी हुई थीं। जांच से स्पष्ट हुआ कि ये सभी नंबर प्लेटें उसने खुद बनवाई थीं, जो उसकी जालसाजी की प्रवृत्ति को दर्शाती हैं।
गरीब छात्राओं को बनाया निशाना:
आरोप है कि स्वयंभू बाबा ने मुख्य रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) की छात्राओं को निशाना बनाया। संस्थान की कई छात्राओं ने उसके खिलाफ यौन उत्पीड़न, अश्लील संदेश भेजने और जबरन शारीरिक संपर्क बनाने के आरोप लगाए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह रात में छात्राओं को अपने कमरे में बुलाता था और विरोध करने पर उन्हें परीक्षा में फेल करने की धमकी देता था। पुलिस ने लगभग 50 महिला छात्रों के वॉट्सऐप चैट भी बरामद किए हैं, जो पिछले 16 वर्षों से चल रहे यौन शोषण और दुर्व्यवहार की घटनाओं को उजागर करते हैं।
मामला सामने आने के बाद, भारतीय वायु सेना (IAF) ने भी एक शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें महिला छात्रों के साथ छेड़छाड़ की बात कही गई थी। इन गंभीर आरोपों के बाद, 4 अगस्त को आरोपी दिल्ली से फरार हो गया था और पुलिस ने उसे बाद में आगरा से पकड़ा।
यह मामला दिखाता है कि कैसे एक व्यक्ति ने अपनी आपराधिक मंशा को छुपाने और अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए संस्थागत शक्ति और प्रतिष्ठित वैश्विक संस्थाओं के फर्जी नामों का इस्तेमाल करते हुए धोखाधड़ी और जालसाजी का एक बड़ा नेटवर्क खड़ा किया।
