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नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी और उसके आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण की समस्या एक बार फिर गहराने लगी है। हवा की गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में फिसलने के बाद, केंद्र के प्रदूषण रोधी पैनल, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने दिल्ली-एनसीआर में तत्काल प्रभाव से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के पहले चरण (Stage-I) के तहत प्रतिबंध लागू करने का आदेश दिया है।
मंगलवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 211 दर्ज किया गया, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है। CAQM ने पाया कि हवा की धीमी गति और मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण आने वाले दिनों में भी प्रदूषण का स्तर इसी श्रेणी में बने रहने का अनुमान है, जिसके बाद GRAP-I को औपचारिक रूप से सक्रिय करने का निर्णय लिया गया।
GRAP-I के तहत मुख्य रूप से धूल नियंत्रण, अपशिष्ट प्रबंधन और उत्सर्जन में कमी लाने पर जोर दिया जाता है। इस चरण में प्रमुख उपायों में शामिल हैं:
निर्माण गतिविधियों पर सख्ती: धूल नियंत्रण नियमों का पालन न करने वाले निर्माण कार्यों पर सख्त प्रतिबंध रहेगा। सभी निर्माण स्थलों पर पानी का छिड़काव अनिवार्य किया गया है। 500 वर्ग मीटर से बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए ‘डस्ट मैनेजमेंट प्लान’ जरूरी होगा।
खुले में कचरा जलाने पर रोक: पत्तों, प्लास्टिक और अन्य कचरे को खुले में जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
ईंधन और उद्योग पर पाबंदी: सड़क किनारे के भोजनालयों, होटलों और रेस्तरां में कोयले व लकड़ी के उपयोग पर प्रतिबंध रहेगा; उन्हें केवल स्वच्छ ईंधन (बिजली, गैस) का इस्तेमाल करना होगा।
वाहनों पर नियंत्रण: प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUC) नियमों का सख्ती से पालन कराया जाएगा और दिखने वाले धुएं वाले वाहनों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
सभी संबंधित एजेंसियों को निर्देशित किया गया है कि वे इन उपायों को सख्ती से लागू करें और निरंतर निगरानी रखें, ताकि वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ या ‘गंभीर’ श्रेणी में न पहुंचे। नागरिकों से भी अपील की गई है कि वे सार्वजनिक परिवहन का अधिक उपयोग करें और प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों से बचें।
