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नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली एक बार फिर ‘रेड ज़ोन’ में प्रवेश कर गई है, जहाँ कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के पार पहुँच गया है, जो हवा को ‘गंभीर’ (Severe) श्रेणी में डालता है। जहरीले धुंध की मोटी परत ने दिल्ली-एनसीआर के नागरिकों का दम घोंटना शुरू कर दिया है, जिससे सांस लेना दूभर हो गया है। वज़ीरपुर, बुरारी और विवेक विहार जैसे इलाकों में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर है।
GRAP 3 अब तक क्यों नहीं लागू?
आमतौर पर, जब AQI 401 से 450 के बीच पहुँच जाता है तो वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) द्वारा ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का स्टेज 3 तत्काल प्रभाव से लागू किया जाता है। हालांकि, मौजूदा ‘गंभीर’ वायु गुणवत्ता के बावजूद, अधिकारियों ने अब तक यह कठोर उपाय लागू नहीं किया है।
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) के अधिकारियों के अनुसार, इस नवंबर में शहर की हवा की गुणवत्ता पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में बेहतर बनी हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण का स्तर अभी तक उस ‘गंभीर’ सीमा तक नहीं पहुँचा है जो स्टेज 3 के प्रतिबंधों को अनिवार्य रूप से लागू करता है।
अधिकारियों ने समय पर और समन्वित कार्रवाई को इस सुधार का श्रेय दिया है, जिसमें सघन धूल नियंत्रण, सड़कों की सफाई, एंटी-स्मॉग ऑपरेशन, और वाहनों व औद्योगिक उत्सर्जन पर सख्त जाँच शामिल है। उनका मानना है कि इन उपायों ने कठोर प्रतिबंधों की आवश्यकता को टालने में मदद की है। पिछले साल, GRAP स्टेज 3 नवंबर के मध्य में लागू किया गया था। इस बार, अधिकारी उम्मीद कर रहे हैं कि विभागों और नागरिकों के सहयोग से स्टेज 3 को लागू होने से रोका जा सकता है।
‘गंभीर’ श्रेणी में क्या होता है?
CPCB के वर्गीकरण के अनुसार, 401-500 के बीच का AQI ‘गंभीर’ माना जाता है, जो स्वस्थ व्यक्तियों को भी प्रभावित करता है और पहले से बीमार लोगों के लिए अत्यंत खतरनाक है।
