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कीव/नई दिल्ली, 5 जून 2025
एक ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर डेवलपर ने नाराज़गी जताई है कि उनका विकसित किया गया कोड, जिसे उन्होंने शैक्षणिक और रचनात्मक उद्देश्यों के लिए उपलब्ध कराया था, अब यूक्रेन द्वारा युद्ध में इस्तेमाल किए जा रहे ड्रोन में लगाया जा रहा है।
डेवलपर, जिनकी पहचान गोपनीय रखने की इच्छा के चलते उजागर नहीं की गई है, ने सोशल मीडिया और ओपन-सोर्स समुदायों में इस मुद्दे को उठाया। उनका कहना है, “मैंने यह कोड इसलिए बनाया था ताकि लोग रोबोटिक्स सीखें, इनोवेशन करें और टेक्नोलॉजी को बेहतर बनाएं। मुझे यह देखकर गहरा धक्का लगा है कि इसे अब इंसानों को मारने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।”
यूक्रेन, जो रूस के साथ लंबे समय से जारी युद्ध में टेक्नोलॉजी का बड़ा इस्तेमाल कर रहा है, ने हाल ही में ड्रोन हमलों की संख्या में वृद्धि की है। विश्लेषकों का मानना है कि ओपन-सोर्स तकनीक इन ड्रोन सिस्टम्स को सस्ता और प्रभावशाली बना रही है। हालांकि, इस कदम से नैतिकता और ओपन-सोर्स समुदाय की जिम्मेदारियों को लेकर बहस छिड़ गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि ओपन-सोर्स कोड की प्रकृति ऐसी होती है कि कोई भी उसका उपयोग कर सकता है, जब तक कि वह लाइसेंस शर्तों का पालन करे। लेकिन, कई डेवलपर्स अब इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्या उन्हें “सैन्य इस्तेमाल वर्जित” जैसे शर्तें अपने प्रोजेक्ट्स में जोड़नी चाहिए।
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि टेक्नोलॉजी और युद्ध के बीच की सीमाएं कितनी धुंधली होती जा रही हैं।
