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धर्मस्थल (कर्नाटक) में कथित ‘सामूहिक हत्याकांड’ और ‘बलात्कार व गुप्त दफन’ जैसे गंभीर आरोपों से जुड़े मामले में विशेष जांच दल (SIT) ने बड़ा कदम उठाते हुए उसी शिकायतकर्ता को गिरफ्तार कर लिया है, जिसने इन आरोपों की शुरुआत की थी।
SIT के अधिकारियों के अनुसार, शिकायतकर्ता पर झूठे सबूत गढ़ने और जांच को गुमराह करने का आरोप है। प्रारंभिक जांच में यह पाया गया कि प्रस्तुत किए गए कई दावे तथ्यों से मेल नहीं खा रहे थे। अधिकारियों का कहना है कि शिकायतकर्ता ने बिना किसी ठोस प्रमाण के गंभीर आरोप लगाकर न केवल प्रशासन को उलझाया, बल्कि धार्मिक संस्थान की छवि को भी प्रभावित किया।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि SIT अब यह जांच कर रही है कि क्या इस पूरे प्रकरण के पीछे किसी बड़े षड्यंत्र का हाथ है। यह भी देखा जा रहा है कि शिकायतकर्ता को बाहरी तत्वों से समर्थन मिला या नहीं।
धर्मस्थल मंदिर प्रबंधन ने SIT की कार्रवाई का स्वागत किया है और कहा कि इससे “सच्चाई सामने आएगी और समाज में फैलाई गई अफवाहों पर विराम लगेगा।”
वहीं, मानवाधिकार संगठनों ने मांग की है कि SIT को पारदर्शिता बनाए रखते हुए जांच आगे बढ़ानी चाहिए और यदि किसी तरह का अन्याय हुआ है तो उसे सामने लाया जाए।
फिलहाल, शिकायतकर्ता को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और SIT की आगे की पूछताछ जारी है। यह मामला आने वाले दिनों में कर्नाटक की राजनीति और धार्मिक परिदृश्य पर गहरा असर डाल सकता है।
