Source NDTV SPORTS
दिल्ली: भारतीय शतरंज के लिए आज का दिन ऐतिहासिक रहा! युवा सनसनी दिव्या देशमुख ने FIDE महिला शतरंज विश्व कप के फाइनल में दिग्गज कोनेरू हम्पी को हराकर खिताब अपने नाम कर लिया है। यह न केवल दिव्या के करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि है, बल्कि वह यह प्रतिष्ठित खिताब जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी भी बन गई हैं।
यह मुकाबला भारतीय शतरंज प्रेमियों के लिए किसी ड्रीम फाइनल से कम नहीं था, जहाँ दो पीढ़ियों की सर्वश्रेष्ठ भारतीय महिला खिलाड़ी आमने-सामने थीं। मुकाबले की शुरुआत से ही दिव्या ने अपनी आक्रामक और आत्मविश्वास से भरी चालों से सभी को प्रभावित किया। उन्होंने हम्पी के अनुभव और धैर्य के सामने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया।
पूरे टूर्नामेंट में दिव्या का प्रदर्शन शानदार रहा है, उन्होंने कई मजबूत खिलाड़ियों को मात देते हुए फाइनल तक का सफर तय किया था। उनकी यह जीत भारतीय शतरंज के भविष्य के लिए एक उज्ज्वल संकेत है और युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करेगी।
कोनेरू हम्पी ने भी पूरे टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन किया और फाइनल तक का उनका सफर भी सराहनीय रहा। हालाँकि, आज का दिन दिव्या के नाम रहा, जिन्होंने दबाव में भी शांत रहकर अपनी रणनीति को बखूबी अंजाम दिया।
इस ऐतिहासिक जीत के बाद पूरे भारत में शतरंज समुदाय में खुशी की लहर है। दिव्या को चारों ओर से बधाईयां मिल रही हैं। यह जीत निश्चित रूप से भारतीय महिला शतरंज को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी और आने वाले समय में हमें और भी कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी देखने को मिलेंगे।
