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नई दिल्ली, 27 फरवरी – प्रोटीन हमारे शरीर के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व है, जो मांसपेशियों के निर्माण, ऊतकों की मरम्मत और एंजाइम उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वर्ल्ड प्रोटीन डे के अवसर पर यह सवाल उठता है कि क्या भारतीय आहार हमारे शरीर की प्रोटीन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त है?
वर्ल्ड प्रोटीन डे: क्यों मनाया जाता है?
हर साल 27 फरवरी को वर्ल्ड प्रोटीन डे मनाया जाता है, ताकि लोगों को प्रोटीन के महत्व और उसके स्वास्थ्य लाभों के बारे में जागरूक किया जा सके। इस दिन की शुरुआत 2020 में की गई थी, और इसका उद्देश्य दुनिया भर में प्रोटीन की जरूरत और उसके उचित सेवन के बारे में जानकारी फैलाना है। इस साल भी विभिन्न संगठनों और पोषण विशेषज्ञों द्वारा कई जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।
भारतीय आहार में प्रोटीन का स्रोत
भारत में शाकाहारी और मांसाहारी, दोनों प्रकार के आहार प्रचलित हैं। मांसाहारी भोजन में अंडे, चिकन, मछली और डेयरी उत्पाद प्रमुख प्रोटीन स्रोत होते हैं, जबकि शाकाहारी आहार में दालें, सोया, पनीर, नट्स और अनाज प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं।
हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय आहार में प्रोटीन की मात्रा अक्सर अनुशंसित स्तर से कम होती है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार, एक वयस्क को प्रति किलोग्राम शरीर के वजन के अनुसार 0.8 से 1 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है। लेकिन कई भारतीय आहारों में यह स्तर नहीं पहुंच पाता, खासकर शाकाहारी भोजन में।
प्रोटीन की कमी और उसके प्रभाव
प्रोटीन की कमी से मांसपेशियों की कमजोरी, थकान, रोग प्रतिरोधक क्षमता में गिरावट और बालों तथा त्वचा की समस्याएं हो सकती हैं। खासकर बच्चों और बुजुर्गों में प्रोटीन की कमी से विकास और स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
प्रोटीन युक्त आहार अपनाने की जरूरत
पोषण विशेषज्ञों के अनुसार, संतुलित आहार अपनाकर इस कमी को पूरा किया जा सकता है। उदाहरण के लिए:
दालों और साबुत अनाज का संयोजन
दूध और दूध से बने उत्पादों का सेवन
नट्स और बीजों को आहार में शामिल करना
सोया उत्पादों का उपयोग
मांसाहारी लोगों के लिए अंडे, मछली और चिकन का नियमित सेवन
प्रोटीन जागरूकता बढ़ाने की जरूरत
भारत में प्रोटीन की कमी से बचने के लिए जागरूकता बढ़ाना जरूरी है। कई स्वास्थ्य संगठनों और ब्रांड्स ने प्रोटीन युक्त आहार के प्रति लोगों को शिक्षित करने के लिए अभियान शुरू किए हैं।
वर्ल्ड प्रोटीन डे का उद्देश्य भी लोगों को इस आवश्यक पोषक तत्व के महत्व को समझाना है, ताकि वे अपने आहार में इसे पर्याप्त मात्रा में शामिल कर सकें और स्वस्थ जीवनशैली अपना सकें।