सेलेनियम, एक आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व, एंटीऑक्सीडेंट गुणों के लिए जाना जाता है और शरीर में मुक्त कणों को निष्क्रिय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कुछ अध्ययनों से संकेत मिलता है कि सेलेनियम का सेवन कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है और ट्यूमर के विकास को धीमा कर सकता है। इसके अलावा, सेलेनियम युक्त एंजाइम, जैसे टीआरएक्स1, कोशिकाओं के विकास में सहायता करते हैं और उन्हें ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाते हैं। हालांकि, कैंसर कोशिकाओं में टीआरएक्सआर1 का उच्च स्तर देखा गया है, जो कैंसर के विकास में योगदान कर सकता है।
स्वीडन के करोलिंस्का इंस्टिट्यूट के शोधकर्ताओं ने लगभग 60 विभिन्न प्रकार के कैंसर कोशिकाओं पर अध्ययन किया और पाया कि सेलेनियम युक्त एंजाइम को अवरुद्ध करने वाले सूक्ष्म अणु कैंसर के इलाज में सहायक हो सकते हैं। यह अध्ययन चूहों पर किया गया, जिसमें ट्यूमर के विकास में कमी देखी गई। शोधकर्ताओं का मानना है कि यह विधि भविष्य में मानवों में भी कैंसर उपचार के नए मानक स्थापित कर सकती है।
भारत में, आईआईटी बीएचयू के वैज्ञानिकों ने नैनो पॉलीमर युक्त एक इंजेक्शन विकसित किया है, जो रक्त, फेफड़े, ब्रेस्ट और लिवर कैंसर के प्रसार को रोकने में सक्षम हो सकता है। यह इंजेक्शन कैंसर प्रभावित कोशिकाओं को लक्षित करता है और उनकी वृद्धि को रोकता है, जिससे कैंसर का फैलाव रुक सकता है।
इन अनुसंधानों से यह स्पष्ट होता है कि सेलेनियम और उससे संबंधित यौगिकों का कैंसर के प्रसार को रोकने में संभावित भूमिका हो सकती है। हालांकि, इन परिणामों की पुष्टि के लिए और व्यापक मानव अध्ययनों की आवश्यकता है। किसी भी नए उपचार को अपनाने से पहले चिकित्सकीय परामर्श लेना आवश्यक है।
