
नई दिल्ली: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लेकर एक सनसनीखेज दावा सामने आया है। एक पूर्व KGB अधिकारी ने आरोप लगाया है कि 1987 में ट्रंप को सोवियत खुफिया एजेंसी ने अपने प्रभाव में ले लिया था। इस दावे ने अमेरिकी राजनीति में हलचल मचा दी है।
पूर्व KGB अधिकारी का दावा
रूसी खुफिया एजेंसी KGB के पूर्व अधिकारी यूरी शेवचेंको (काल्पनिक नाम) ने दावा किया है कि जब डोनाल्ड ट्रंप 1987 में सोवियत संघ की यात्रा पर आए थे, तब उन्हें सोवियत एजेंटों ने निशाना बनाया था। शेवचेंको के अनुसार, ट्रंप को मॉस्को और सेंट पीटर्सबर्ग में विशेष मेहमान के रूप में आमंत्रित किया गया था, और इस दौरान KGB ने उन पर गहरी नजर रखी।
क्या ट्रंप को किया गया था भर्ती?
शेवचेंको के मुताबिक, ट्रंप की महत्वाकांक्षाओं और अमेरिका में उनके बढ़ते प्रभाव को देखते हुए, KGB अधिकारियों ने उन्हें प्रभावित करने की कोशिश की। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि ट्रंप ने किसी भी प्रकार की जासूसी गतिविधियों में भाग लिया या नहीं।
अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की प्रतिक्रिया
इस दावे के सामने आने के बाद अमेरिकी खुफिया एजेंसियों और राजनेताओं ने इसे लेकर चिंता जताई है। हालांकि, अब तक कोई ठोस सबूत नहीं मिला है जो यह साबित कर सके कि ट्रंप वास्तव में KGB एजेंट थे या नहीं।
ट्रंप का क्या कहना है?
डोनाल्ड ट्रंप ने इस तरह के दावों को पहले भी “राजनीतिक साजिश” करार दिया था। उन्होंने रूस से किसी भी प्रकार के गुप्त संबंध से इनकार किया है।
निष्कर्ष
हालांकि यह दावा चौंकाने वाला है, लेकिन अभी तक इसकी कोई ठोस पुष्टि नहीं हुई है। यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप और रूस के रिश्तों पर सवाल उठाए गए हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे इस मामले में कोई नया खु
लासा होता है या नहीं।
