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नई दिल्ली, 18 अक्टूबर 2025: संयुक्त अरब अमीरात की प्रमुख बैंकिंग संस्था एमिरेट्स एनबीडी (Emirates NBD) ने भारतीय निजी क्षेत्र के बैंक आरबीएल बैंक (RBL Bank) में बहुमत हिस्सेदारी खरीदने का ऐलान किया है। इस सौदे के तहत एमिरेट्स एनबीडी करीब 3 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹25,000 करोड़) का निवेश करेगी। यह निवेश एक प्राइमरी इन्फ्यूजन (primary infusion) के माध्यम से किया जाएगा, जिससे बैंक में नई पूंजी का प्रवाह होगा और उसकी वित्तीय स्थिति और मजबूत बनेगी।
एमिरेट्स एनबीडी ने एक बयान में कहा कि यह अधिग्रहण भारतीय बैंकिंग सेक्टर में उनकी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता और विस्तार की रणनीति का हिस्सा है। इस सौदे के बाद एमिरेट्स एनबीडी, आरबीएल बैंक की बहुमत शेयरधारक बन जाएगी, जबकि मौजूदा भारतीय शेयरधारक बैंक में अल्पांश हिस्सेदारी बनाए रखेंगे।
भारतीय बैंकिंग सेक्टर के लिए बड़ा कदम
यह अधिग्रहण भारत के निजी बैंकिंग क्षेत्र में किसी विदेशी बैंक का अब तक का सबसे बड़ा निवेश माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस सौदे से आरबीएल बैंक को पूंजी, तकनीक और वैश्विक अनुभव का लाभ मिलेगा, जिससे उसका संचालन और ग्राहक सेवा स्तर और बेहतर होगा।
आरबीएल बैंक पिछले कुछ वर्षों से अपनी बैलेंस शीट को मजबूत करने और एनपीए (Non-Performing Assets) को नियंत्रित करने की दिशा में काम कर रहा था। एमिरेट्स एनबीडी की यह पूंजी बैंक को रिटेल और डिजिटल बैंकिंग क्षेत्र में विस्तार करने में मदद करेगी।
नियामक मंजूरी का इंतजार
यह सौदा भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और सेबी (SEBI) जैसी नियामक संस्थाओं की मंजूरी के अधीन है। उम्मीद की जा रही है कि सभी आवश्यक मंजूरियाँ अगले कुछ महीनों में मिल जाएंगी और वर्ष 2026 की शुरुआत तक यह डील औपचारिक रूप से पूरी हो जाएगी।
एमिरेट्स एनबीडी के चेयरमैन हेशम अब्दुल्ला अल क़ासिम ने कहा,
> “भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। आरबीएल बैंक में निवेश हमारे लिए रणनीतिक अवसर है, जिससे हम भारतीय वित्तीय सेवाओं के बाजार में अपनी उपस्थिति को मजबूत कर सकें।”
वहीं, आरबीएल बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ विश्ववीर आहूजा ने इस निवेश का स्वागत करते हुए कहा,
> “एमिरेट्स एनबीडी की साझेदारी हमारे बैंक को वैश्विक वित्तीय मानकों के अनुरूप नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद करेगी।”
सौदे के संभावित प्रभाव
इस निवेश के बाद आरबीएल बैंक अपने क्रेडिट कार्ड, एमएसएमई लोन और डिजिटल बैंकिंग क्षेत्रों पर फोकस बढ़ा सकता है। साथ ही, एमिरेट्स एनबीडी की विशेषज्ञता बैंक को क्रॉस-बॉर्डर बैंकिंग, अंतरराष्ट्रीय फंडिंग और फिनटेक सहयोग के नए अवसर देगी।
भारत सरकार और आरबीआई की नीतियाँ पिछले कुछ वर्षों से विदेशी निवेश को प्रोत्साहित कर रही हैं, जिससे ऐसे सौदों को मंजूरी मिलना अपेक्षाकृत आसान हुआ है।
अगर यह डील सफलतापूर्वक पूरी होती है, तो यह भारतीय बैंकिंग इतिहास में सबसे बड़ी विदेशी पूंजी निवेश डीलों में से एक होगी।
