Connect with us

Hi, what are you looking for?

Technology, Finance, Business & Education News in HindiTechnology, Finance, Business & Education News in Hindi

Health

खतरनाक फंगस जो शरीर को अंदर से खा सकता है, जलवायु परिवर्तन के चलते तेजी से फैल रहा है

Source India Today

नई दिल्ली, 26 मई 2025 — एक खतरनाक और दुर्लभ फंगल संक्रमण, जो मनुष्य के शरीर को अंदर से खा सकता है, अब जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के कारण तेजी से फैल रहा है। वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि तापमान में हो रही वृद्धि इन फंगसों को मानव शरीर के अनुकूल बना रही है, जिससे वे पहले से अधिक खतरनाक और व्यापक हो गए हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार, कैंडिडा ऑरिस (Candida auris) जैसे फंगस पहले केवल सीमित क्षेत्रों में पाए जाते थे और बहुत दुर्लभ माने जाते थे। लेकिन हाल के वर्षों में, ये कई देशों में अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में तेजी से फैल रहे हैं। यह फंगस शरीर के अंदर प्रवेश करके खून, अंगों और तंत्रिकाओं पर हमला करता है, जिससे व्यक्ति की जान तक जा सकती है।

कैसे काम करता है यह फंगस?

यह फंगस आम तौर पर त्वचा, कान, या खुले घाव के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। एक बार शरीर में पहुंचने के बाद यह तेजी से रक्तप्रवाह में घुलकर शरीर के आंतरिक अंगों पर असर डालता है। जिन लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है—जैसे कि बुज़ुर्ग, कैंसर रोगी, या अंग प्रतिरोपण करवा चुके लोग—उनके लिए यह संक्रमण जानलेवा साबित हो सकता है।

जलवायु परिवर्तन की भूमिका

वैज्ञानिकों का कहना है कि वैश्विक तापमान में हो रही वृद्धि के चलते फंगस की कई प्रजातियाँ अब मानव शरीर के सामान्य तापमान (लगभग 37 डिग्री सेल्सियस) पर भी जीवित रहने लगी हैं। पहले ये फंगस केवल वातावरण में ही जीवित रह सकते थे, लेकिन अब वे शरीर के अंदर भी फलने-फूलने लगे हैं।

डॉ. सीमा वर्मा, एक माइक्रोबायोलॉजिस्ट, कहती हैं, “फंगसों की थर्मोटॉलरेंस यानी गर्मी सहने की क्षमता बढ़ गई है, और यह सीधे तौर पर जलवायु परिवर्तन से जुड़ा हुआ है। आने वाले समय में ऐसे फंगल संक्रमणों की संख्या और जटिलता दोनों बढ़ेंगी।”

दवाइयों के प्रति प्रतिरोधकता भी बनी चुनौती

सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि ये फंगस आम एंटीफंगल दवाओं के खिलाफ तेजी से प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर रहे हैं। इससे इलाज करना कठिन होता जा रहा है। कुछ मामलों में, मरीजों को लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ता है और जटिल उपचार प्रक्रियाएं अपनानी पड़ती हैं।

क्या करें बचाव के लिए?

साफ-सफाई का ध्यान रखें, विशेष रूप से अस्पतालों और सार्वजनिक स्थलों पर।

किसी भी घाव को खुला न छोड़ें, और संक्रमण के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है, वे विशेष सतर्कता बरतें।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि यह समस्या आने वाले वर्षों में और गंभीर हो सकती है। इसलिए वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य प्रणालियों को इसके लिए तैयार रहने की जरूरत है, और साथ ही जलवायु परिवर्तन के खिलाफ ठोस कदम उठाना अनिवार्य हो गया है।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You May Also Like

World

Neque porro quisquam est, qui dolorem ipsum quia dolor sit amet, consectetur, adipisci velit, sed quia non numquam eius modi tempora.

Business

Quis autem vel eum iure reprehenderit qui in ea voluptate velit esse quam nihil molestiae consequatur, vel illum qui dolorem eum fugiat.

Politics

Quis autem vel eum iure reprehenderit qui in ea voluptate velit esse quam nihil molestiae consequatur, vel illum qui dolorem eum.

Finance

Neque porro quisquam est, qui dolorem ipsum quia dolor sit amet, consectetur, adipisci velit, sed quia non numquam eius modi tempora.

Copyright © 2020 ZoxPress Theme. Theme by MVP Themes, powered by WordPress.