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नई दिल्ली, 30 सितंबर 2025:सोने की कीमतें हाल ही में दर्ज किए गए रिकॉर्ड स्तर से सोमवार को फिसल गईं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में अमेरिकी डॉलर की मजबूती और बॉन्ड यील्ड में उछाल का असर कीमती धातु पर पड़ा है। वहीं, अमेरिका में संभावित सरकारी शटडाउन की आशंकाओं ने वैश्विक वित्तीय बाजारों में अस्थिरता को और बढ़ा दिया है।
पिछले हफ्ते सोने की कीमतें नए शिखर पर पहुंची थीं, जब निवेशकों ने आर्थिक अनिश्चितता और भू-राजनीतिक तनावों के बीच सुरक्षित निवेश के रूप में इसकी ओर रुख किया। लेकिन सोमवार को डॉलर इंडेक्स में तेजी के कारण सोना कमजोर हुआ। न्यूयॉर्क कमोडिटी एक्सचेंज (COMEX) पर दिसंबर वायदा सोना 0.4% की गिरावट के साथ 2,465 डॉलर प्रति औंस पर आ गया।
भारत में भी इसका असर दिखा। दिल्ली सर्राफा बाजार में 24 कैरेट सोना सोमवार को 150 रुपये सस्ता होकर 71,200 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। वहीं, चांदी में भी 500 रुपये की गिरावट दर्ज की गई और यह 89,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई।
विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिकी शटडाउन की आशंका ने बाजार में घबराहट जरूर बढ़ाई है, लेकिन डॉलर की मजबूती और ट्रेजरी यील्ड के ऊंचे स्तर ने सोने पर दबाव डाला है। अगर अमेरिकी सरकार शटडाउन से बचने में विफल रहती है, तो आने वाले दिनों में सोने की कीमतों में दोबारा उछाल देखने को मिल सकता है।
सिटी रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आने वाले हफ्तों में सोना 2,500 डॉलर के स्तर पर दोबारा पहुंच सकता है, बशर्ते अमेरिका में राजनीतिक गतिरोध और लंबा खिंचता शटडाउन वैश्विक बाजारों को प्रभावित करे।
निवेशकों के लिए सलाह:
वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा परिस्थितियों में निवेशकों को सावधानी से कदम उठाने चाहिए। अल्पकाल में सोने में हल्की गिरावट जारी रह सकती है, लेकिन लंबी अवधि में भू-राजनीतिक तनाव और आर्थिक मंदी के खतरे को देखते हुए यह अब भी एक सुरक्षित निवेश विकल्प बना हुआ है।
