नई दिल्ली: एक नई शोध में खुलासा हुआ है कि कैंसर के इलाज के बाद नियमित रूप से व्यायाम करने से मरीजों की जीवन प्रत्याशा बढ़ सकती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि शारीरिक गतिविधि से न केवल शरीर मजबूत होता है बल्कि यह कैंसर की पुनरावृत्ति (रिकरेंस) को भी कम कर सकता है।
अध्ययन में क्या मिला?
हाल ही में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, जो मरीज इलाज के बाद नियमित रूप से हल्के या मध्यम स्तर के व्यायाम में संलग्न होते हैं, उनमें जीवित रहने की संभावना अधिक होती है। शोधकर्ताओं के अनुसार, व्यायाम से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और कैंसर कोशिकाओं के दोबारा पनपने की आशंका कम हो जाती है।
विशेषज्ञों की राय
ऑन्कोलॉजी विशेषज्ञों का कहना है कि कैंसर से उबरने वाले मरीजों के लिए योग, तेज़ चाल से चलना, साइक्लिंग और हल्की कसरत फायदेमंद हो सकती है। डॉक्टरों के अनुसार, यह सिर्फ शरीर को नहीं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है, जिससे मरीज डिप्रेशन और तनाव से बच सकते हैं।
व्यायाम के फायदे
1. प्रतिरोधक क्षमता में सुधार: शरीर संक्रमण और बीमारियों से लड़ने में सक्षम बनता है।
2. थकान और कमजोरी में कमी: कैंसर के इलाज के बाद की थकान को दूर करने में सहायक।
3. दिल की सेहत में सुधार: हृदय रोगों की संभावना को कम करता है।
4. तनाव और डिप्रेशन से राहत: मानसिक स्वास्थ्य को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।
डॉक्टरों की सलाह
विशेषज्ञों का कहना है कि व्यायाम की शुरुआत धीरे-धीरे करनी चाहिए और डॉक्टर की सलाह के अनुसार इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए। खासकर जिन मरीजों की सर्जरी हुई है या कीमोथेरेपी से गुजरे हैं, उन्हें अपनी शारीरिक स्थिति के अनुसार व्यायाम करना चाहिए।
निष्कर्ष
कैंसर के इलाज के बाद स्वस्थ जीवनशैली अपनाना बेहद जरूरी है, और व्यायाम इसका अहम हिस्सा है। शोधकर्ताओं और डॉक्टरों की सलाह है कि कैंसर से जूझ चुके मरीजों को अपनी दिनचर्या में नियमित रूप से शारीरिक गतिविधि को शामिल करना चाहिए, ताकि वे लंबे
और स्वस्थ जीवन का आनंद ले सकें।
