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नई दिल्ली: हाल ही में हुई वस्तु एवं सेवा कर (GST) की दरों में कटौती के बाद देश के बाजारों में ग्राहकों की भारी भीड़ उमड़ी है, जिसके चलते आगामी त्योहारी और शादी के सीजन में बिक्री के ₹7 ट्रिलियन (सात लाख करोड़ रुपये) के आंकड़े को पार करने की संभावना है। व्यापार मंडल (BUVM) ने अपने एक बाजार सर्वेक्षण के आधार पर यह अनुमान लगाया है कि विभिन्न क्षेत्रों में कुल ₹7.58 ट्रिलियन तक का कारोबार होने की उम्मीद है।
उपभोग में उछाल
जीएसटी दरों में कटौती को सरकार के “नेक्स्ट-जेनरेशन जीएसटी सुधार” के तहत देखा जा रहा है, जिसका सीधा फायदा उपभोक्ताओं को मिल रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पुष्टि की है कि 54 से अधिक दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर जीएसटी कटौती का लाभ पूरी तरह से उपभोक्ताओं तक पहुँचाया गया है, जिससे उनकी घरेलू बचत में वृद्धि हुई है और उपभोग को बढ़ावा मिला है।
ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स: ऑटोमोबाइल क्षेत्र ने इस उछाल का नेतृत्व किया है, जिसमें कारों, दोपहिया वाहनों और ई-रिक्शा की बिक्री से लगभग ₹1.30 लाख करोड़ का कारोबार होने की उम्मीद है। इलेक्ट्रॉनिक्स और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं, जैसे एयर कंडीशनर और टेलीविजन की बिक्री में भी भारी वृद्धि दर्ज की गई है, जहाँ नवरात्रि के दौरान कुछ प्रमुख निर्माताओं की बिक्री में 25% तक का उछाल देखा गया।
आभूषण और रियल एस्टेट: सोने, चांदी और पारंपरिक आभूषणों की बिक्री से लगभग ₹50,000 करोड़ का कारोबार होने की संभावना है, जबकि रियल एस्टेट और निर्माण सामग्री क्षेत्र से ₹1.20 लाख करोड़ की बिक्री का अनुमान है।
ग्रामीण बाज़ार में मांग: रिपोर्ट के अनुसार, टियर-2 और टियर-3 शहरों के साथ-साथ ग्रामीण बाजारों में भी मजबूत बिक्री दर्ज की जा रही है, जिसका समर्थन फसल कटाई के बाद की आय और शादी से संबंधित खर्चों से मिल रहा है।
शादी के सीजन का योगदान
अकेले शादी-विवाह के सीजन में लगभग ₹4.5 से ₹5 लाख करोड़ के बड़े खर्च का अनुमान है। जीएसटी में कटौती से घोड़ी की सवारी, होटल बुकिंग और कुछ खाद्य वस्तुओं पर कर कम होने से विवाह समारोहों का खर्च भी लाखों रुपये तक सस्ता हो गया है। उपभोक्ता विश्वास में इस वृद्धि ने त्योहारी और शादी के मौसम को हाल के वर्षों में सबसे मजबूत बिक्री वाला सीजन बना दिया है।
व्यापार और अर्थव्यवस्था को बल
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी जीएसटी सुधारों की सराहना करते हुए कहा है कि यह न केवल उपभोक्ताओं को राहत दे रहा है, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी गति प्रदान कर रहा है। वैष्णव ने अनुमान लगाया कि जीएसटी सुधारों के कारण इस वर्ष उपभोग (Consumption) में 10% से अधिक की वृद्धि हो सकती है, जिसका अर्थ है पिछले वर्ष की तुलना में ₹20 लाख करोड़ से अधिक का अतिरिक्त उपभोग। यह वृद्धि निजी निवेश को भी महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगी।
व्यापारिक समुदाय उत्साहित है और उम्मीद है कि यह सकारात्मक रुझान त्योहारी सीजन के बाद भी जारी रहेगा, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को स्थायी बढ़ावा मिलेगा।
