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जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) सुधारों के तहत बीमा क्षेत्र में होने वाले बदलावों को लेकर एक ताज़ा रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, इन सुधारों से जहां बीमा कंपनियों के मुनाफ़े पर अल्पावधि में असर पड़ सकता है, वहीं पॉलिसीधारकों के लिए यह बदलाव फायदेमंद साबित होंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि नई जीएसटी संरचना से प्रीमियम पर लगने वाला कर कुछ सेवाओं में घट सकता है, जिससे बीमा पॉलिसी अपेक्षाकृत सस्ती होंगी। खासकर स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा पॉलिसीधारकों के लिए इसका सीधा लाभ देखने को मिलेगा। इससे बीमा क्षेत्र में मांग बढ़ने और लंबे समय में कंपनियों के कारोबार में मजबूती आने की संभावना है।
हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अल्पावधि में बीमा कंपनियों को मार्जिन प्रेशर झेलना पड़ेगा। कर सुधारों के चलते उनके परिचालन खर्च में अस्थायी बढ़ोतरी और लाभ में कमी हो सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, बीमा कंपनियों को इस संक्रमण काल को रणनीतिक रूप से पार करना होगा।
भारतीय बीमा क्षेत्र पहले से ही डिजिटलीकरण और प्रतिस्पर्धा की वजह से बदलाव के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में जीएसटी सुधार एक नया मोड़ ला सकते हैं। विश्लेषकों का कहना है कि कंपनियों को मुनाफ़े की बजाय फिलहाल ग्राहक संतुष्टि और नए उपभोक्ता आधार पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
सरकार का उद्देश्य बीमा को अधिक सुलभ और पारदर्शी बनाना है ताकि मध्यमवर्गीय परिवार भी बीमा योजनाओं को अपनाने में रुचि लें। उद्योग से जुड़े लोगों का मानना है कि लंबी अवधि में यह कदम बीमा क्षेत्र को विस्तार देगा और कंपनियों के लिए भी फायदे का सौदा साबित होगा।
