Source The Indian Express
नई दिल्ली, 20 सितंबर: राजधानी दिल्ली में 38 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर को अचानक 104 डिग्री फ़ारेनहाइट बुखार, लगातार खांसी और तेज़ सिरदर्द की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने जांच में पुष्टि की कि उन्हें H3N2 इन्फ्लुएंजा वायरस हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि हाल के दिनों में यह फ्लू खासतौर पर 40 वर्ष से कम उम्र के युवाओं और कामकाजी पेशेवरों को प्रभावित कर रहा है।
डॉक्टरों के अनुसार, H3N2 वायरस सामान्य फ्लू की तुलना में अधिक गंभीर लक्षण पैदा कर रहा है। इसमें तेज़ बुखार लंबे समय तक बना रह सकता है, खांसी जल्दी ठीक नहीं होती और सिरदर्द के साथ बदन दर्द भी बढ़ जाता है। कई मरीजों में गले में खराश और सांस लेने में कठिनाई जैसी दिक्कतें भी देखी जा रही हैं।
क्यों प्रभावित हो रहे हैं युवा?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि 40 वर्ष से कम उम्र का वर्ग ज़्यादा बाहर निकलता है, दफ्तरों और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर अधिक समय बिताता है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, पर्याप्त आराम की कमी और तनाव भी शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देते हैं।
डॉक्टरों के मुताबिक, बुजुर्गों और बच्चों में तो फ्लू से जुड़ी सावधानियां पहले से ली जाती हैं, लेकिन युवा वर्ग अक्सर लक्षणों को नज़रअंदाज़ कर देता है, जिससे बीमारी बढ़ जाती है।
विशेषज्ञों की सलाह
यदि तेज़ बुखार 3 दिन से अधिक बना रहे, तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क का प्रयोग करें।
खांसी और ज़ुकाम होने पर दूसरों से दूरी बनाए रखें।
विटामिन सी युक्त आहार, पर्याप्त नींद और पानी का सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी लोगों को चेतावनी दी है कि H3N2 को हल्के में न लें। यह वायरस लंबे समय तक शरीर को प्रभावित कर सकता है और समय पर इलाज न मिलने पर गंभीर संक्रमण का रूप ले सकता है।
