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नई दिल्ली: मध्य पूर्व में गहराते भू-राजनीतिक तनाव के कारण वैश्विक तेल बाजार में हड़कंप मच गया है। होरमुज जलडमरूमध्य (Strait of Hormuz) में बढ़ती अशांति के कारण प्रतिदिन 20 मिलियन बैरल तेल की आपूर्ति खतरे में पड़ गई है, जिससे कच्चे तेल की कीमतों में भारी उछाल आया है। यह जलडमरूमध्य वैश्विक तेल व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण चोकपॉइंट है, जिसके बंद होने की आशंका से दुनिया भर में ऊर्जा संकट की चिंताएं बढ़ गई हैं।
हालिया रिपोर्टों के अनुसार, इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते सैन्य टकराव ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। ईरानी अधिकारियों द्वारा होरमुज जलडमरूमध्य को बंद करने की धमकी ने बाजार में घबराहट पैदा कर दी है। दुनिया के कुल तेल खपत का लगभग पांचवां हिस्सा – लगभग 20 मिलियन बैरल प्रति दिन – इसी जलडमरूमध्य से होकर गुजरता है। इसमें ओपेक के प्रमुख सदस्य जैसे सऊदी अरब, ईरान, यूएई और कुवैत से होने वाला अधिकांश निर्यात शामिल है।
तेल बाजार पर इस तनाव का सीधा असर देखने को मिला है। पिछले कुछ दिनों में कच्चे तेल की कीमतें 7% से अधिक बढ़ गई हैं, और विश्लेषकों का मानना है कि अगर तनाव बढ़ता है तो कीमतें और ऊपर जा सकती हैं। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इस रणनीतिक जलडमरूमध्य में किसी भी रुकावट के वैश्विक बाजार पर दूरगामी परिणाम होंगे।
ऐतिहासिक रूप से, जब भी होरमुज जलडमरूमध्य में तनाव बढ़ा है, तेल की कीमतों में वृद्धि हुई है। 1980 के ईरान-इराक युद्ध के दौरान “टैंकर युद्ध” में वाणिज्यिक जहाजों को निशाना बनाया गया था, हालांकि जलडमरूमध्य कभी पूरी तरह से बंद नहीं हुआ था। हालांकि, इस बार स्थिति अधिक अनिश्चित दिख रही है।
वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए इसके गंभीर निहितार्थ हो सकते हैं, खासकर एशिया और यूरोप जैसे क्षेत्रों के लिए जो मध्य पूर्वी तेल पर बहुत अधिक निर्भर हैं। आपूर्ति श्रृंखलाएं बाधित हो सकती हैं, जिससे उपभोक्ताओं और व्यवसायों के लिए लागत बढ़ जाएगी। यह स्थिति दुनिया भर में विनिर्माण और परिवहन जैसे अन्य क्षेत्रों को भी प्रभावित कर सकती है।
हालांकि, कुछ विश्लेषकों का मानना है कि संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब के पास वैकल्पिक पाइपलाइन क्षमता है जो होरमुज जलडमरूमध्य को बाईपास कर सकती है, लेकिन यह केवल आंशिक राहत ही दे सकती है। ईरान ने भी कहा है कि यदि इजरायल अपने हमलों को रोकता है तो वह “आत्मरक्षा प्रतिक्रिया” को बंद कर देगा, जिससे डी-एस्केलेशन की कुछ उम्मीदें बनी हुई हैं।
कुल मिलाकर, होरमुज जलडमरूमध्य में मौजूदा भू-राजनीतिक तनाव वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता के लिए एक गंभीर चुनौती पेश कर रहा है। आने वाले दिनों में तेल बाजार पर इन घटनाओं का गहरा प्रभाव देखने को मिल सकता है।
