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पडरौना, उत्तर प्रदेश: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने देश के लिए एक गंभीर चेतावनी जारी की है, जिसमें संकेत दिया गया है कि भारत इस साल सितंबर में सामान्य से अधिक बारिश का अनुभव करने के लिए तैयार है। इस असामान्य रूप से अधिक वर्षा से अचानक आने वाली बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बढ़ सकता है, जिससे जनजीवन और बुनियादी ढांचे पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की आशंका है।
मौसम विशेषज्ञों और अधिकारियों ने इस स्थिति पर चिंता व्यक्त की है, खासकर देश के उन हिस्सों में जो पहले से ही मानसून की भारी बारिश से प्रभावित हैं।
रिकॉर्ड तोड़ बारिश का कारण क्या है?
आईएमडी के अनुसार, कई मौसमी कारक इस संभावित रिकॉर्ड तोड़ बारिश में योगदान कर रहे हैं:
सक्रिय मानसून ट्रफ: मानसून ट्रफ अपनी सामान्य स्थिति के दक्षिण में बना हुआ है, जिससे नमी वाली हवाओं को देश के मध्य और उत्तरी हिस्सों में प्रवेश करने का मौका मिल रहा है।
बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र: बंगाल की खाड़ी में कम दबाव वाले क्षेत्रों का बनना लगातार जारी है, जिससे नमी खींचने और तीव्र वर्षा प्रणालियों को विकसित करने में मदद मिल रही है।
ला नीना प्रभाव का संभावित पुनरुत्थान: कुछ मौसम मॉडल इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि ला नीना जैसी परिस्थितियाँ फिर से विकसित हो सकती हैं या मजबूत हो सकती हैं, जो भारतीय उपमहाद्वीप में अधिक वर्षा से जुड़ी होती हैं।
संभावित प्रभाव और सावधानियां
यह अत्यधिक बारिश कई तरह की चुनौतियां पेश कर सकती है:
अचानक बाढ़ (Flash Floods): नदियों और निचले इलाकों में जलस्तर तेजी से बढ़ सकता है, जिससे शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में अचानक बाढ़ आ सकती है।
भूस्खलन (Landslides): पहाड़ी और पर्वतीय क्षेत्रों में, विशेष रूप से हिमालयी राज्यों में, मिट्टी के संतृप्त होने के कारण भूस्खलन का खतरा काफी बढ़ जाएगा।
कृषि पर प्रभाव: जबकि कुछ फसलें अतिरिक्त पानी से लाभान्वित हो सकती हैं, अत्यधिक बारिश से जलभराव और फसल क्षति भी हो सकती है, खासकर उन क्षेत्रों में जहाँ कटाई होने वाली है।
बुनियादी ढांचा: सड़कों, पुलों और बिजली के बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुँच सकता है, जिससे परिवहन और संचार बाधित हो सकता है।
आईएमडी ने राज्य सरकारों और आपदा प्रबंधन एजेंसियों को सतर्क रहने और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने की सलाह दी है। नागरिकों से भी अपील की गई है कि वे मौसम विभाग की सलाह का पालन करें, खासकर यात्रा करते समय या बाढ़ संभावित क्षेत्रों में रहते हुए सावधानी बरतें। सुरक्षित रहें और सभी आवश्यक सावधानियां बरतें।
