नई दिल्ली: भारत ने अपनी रक्षा क्षमताओं को एक बार फिर प्रदर्शित करते हुए पिछले दो दिनों में तीन महत्वपूर्ण मिसाइलों का सफल परीक्षण किया है। आकाश प्राइम वायु रक्षा प्रणाली के सफल परीक्षण के एक दिन बाद, भारत ने परमाणु-सक्षम अग्नि-I और पृथ्वी-II बैलिस्टिक मिसाइलों का भी सफलतापूर्वक परीक्षण किया। यह लगातार किया गया परीक्षण भारत की सामरिक शक्ति और आत्मनिर्भरता के प्रति दृढ़ संकल्प को दर्शाता है।
क्या हुआ?
16 जुलाई, 2025 को भारत ने लद्दाख में अपनी उन्नत ‘आकाश प्राइम’ मिसाइल का सफल परीक्षण किया। यह प्रणाली 4,500 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर दो उच्च गति वाले मानव रहित लक्ष्यों को सफलतापूर्वक नष्ट करने में सक्षम थी। इसके ठीक एक दिन बाद, 17 जुलाई, 2025 को, ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आईटीआर) से कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों – पृथ्वी-II और अग्नि-I का सफल परीक्षण किया गया। ये दोनों मिसाइलें परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं।
क्यों महत्वपूर्ण है यह परीक्षण?
इन लगातार परीक्षणों का महत्व कई पहलुओं से समझा जा सकता है:
* विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोधक क्षमता का प्रदर्शन: अग्नि-I और पृथ्वी-II दोनों ही भारत की “विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोधक क्षमता” नीति का अभिन्न अंग हैं। इन मिसाइलों का सफल परीक्षण यह सुनिश्चित करता है कि भारत के पास किसी भी संभावित विरोधी के खिलाफ प्रभावी ढंग से जवाबी कार्रवाई करने की क्षमता है। सामरिक बल कमान (Strategic Forces Command) के तत्वावधान में किए गए ये परीक्षण भारत की परमाणु क्षमता की विश्वसनीयता और परिचालन तत्परता को मजबूत करते हैं।
* परिचालन तत्परता और रखरखाव: नियमित अंतराल पर इन मिसाइलों का परीक्षण करना यह सुनिश्चित करता है कि सिस्टम पूरी तरह से चालू स्थिति में हैं और भारतीय सशस्त्र बल इन्हें आवश्यकतानुसार तैनात करने में सक्षम हैं। यह मिसाइल प्रणालियों की तकनीकी और परिचालन तत्परता की पुष्टि करता है।
* आत्मनिर्भरता और स्वदेशीकरण को बढ़ावा: तीनों मिसाइलें – आकाश प्राइम, अग्नि-I और पृथ्वी-II – स्वदेशी रूप से विकसित की गई हैं। यह भारत के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के प्रयासों को रेखांकित करता है। यह न केवल बाहरी निर्भरता को कम करता है बल्कि देश के भीतर अनुसंधान और विकास को भी प्रोत्साहित करता है।
* रणनीतिक संदेश: ऐसे समय में जब क्षेत्रीय और वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य में तनाव बढ़ रहा है, ये परीक्षण संभावित विरोधियों को एक स्पष्ट संदेश देते हैं कि भारत अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से तैयार और सक्षम है। लद्दाख में आकाश प्राइम का परीक्षण विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के करीब स्थित है, जो ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारत की वायु रक्षा क्षमताओं को बढ़ाता है।
* उन्नत क्षमताओं का सत्यापन: आकाश प्राइम, आकाश वायु रक्षा प्रणाली का एक उन्नत संस्करण है, जिसे विशेष रूप से उच्च ऊंचाई वाले संचालन के लिए अनुकूलित किया गया है। इसमें स्वदेशी एक्टिव रेडियो फ्रीक्वेंसी (RF) सीकर लगा है, जो इसे किसी भी मौसम और भूभाग में बेहतर सटीकता प्रदान करता है। पृथ्वी-II और अग्नि-I मिसाइलों ने भी अपने सभी मिशन उद्देश्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया, जिससे उनकी सटीकता और विश्वसनीयता साबित हुई।
संक्षेप में, ये मिसाइल परीक्षण भारत की बढ़ती रक्षा शक्ति, स्वदेशीकरण की दिशा में प्रगति और एक जिम्मेदार परमाणु शक्ति के रूप में इसकी दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। यह देश की सुरक्षा को मजबूत करने और किसी भी खतरे का सामना करने के लिए तैयार रहने की भारत की क्षमता पर जोर देता है।
