SOURCE CNBC TV18
भारत में डेंगू के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल होने वाला है, क्योंकि देश की पहली स्वदेशी डेंगू वैक्सीन के तीसरे चरण का नैदानिक परीक्षण अपने अंतिम चरण में पहुंच रहा है। सूत्रों के अनुसार, परीक्षण के लिए स्वयंसेवकों का नामांकन लगभग पूरा हो चुका है, जो इस बहुप्रतीक्षित वैक्सीन के व्यावसायीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है।
डेंगू, मच्छरों से फैलने वाली एक गंभीर बीमारी है, जो हर साल हजारों लोगों को प्रभावित करती है और विशेष रूप से मानसून के मौसम में भारत के विभिन्न हिस्सों में कहर बरपाती है। वर्तमान में, डेंगू के लिए कोई विशिष्ट एंटीवायरल दवा उपलब्ध नहीं है, और उपचार मुख्य रूप से लक्षणों को प्रबंधित करने पर केंद्रित है। ऐसे में एक प्रभावी वैक्सीन की उपलब्धता सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है।
इस वैक्सीन को विकसित करने वाली कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि तीसरे चरण के परीक्षण में देश भर के विभिन्न केंद्रों पर बड़ी संख्या में प्रतिभागियों को शामिल किया गया है। यह चरण वैक्सीन की प्रभावकारिता और सुरक्षा का बड़े पैमाने पर मूल्यांकन करने के लिए महत्वपूर्ण है। पिछले चरणों के परीक्षणों में वैक्सीन ने उत्साहजनक परिणाम दिखाए हैं, जिससे इसके सफल होने की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह वैक्सीन सफल होती है और नियामक अनुमोदन प्राप्त करती है, तो यह डेंगू के मामलों में उल्लेखनीय कमी ला सकती है और बीमारी से होने वाली मृत्यु दर को कम करने में मदद कर सकती है। यह न केवल व्यक्तियों के स्वास्थ्य की रक्षा करेगा बल्कि स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर भी बोझ कम करेगा।
हालांकि अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन यह खबर निश्चित रूप से उन लाखों लोगों के लिए आशा की किरण लेकर आई है जो हर साल डेंगू के खतरे का सामना करते हैं। आने वाले महीनों में, तीसरे चरण के परीक्षण के डेटा का विश्लेषण किया जाएगा, जिसके बाद नियामक अधिकारियों को अनुमोदन के लिए आवेदन प्रस्तुत किया जाएगा। भारत की पहली डेंगू वैक्सीन का इंतजार अब और करीब आ गया है।
