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नई दिल्ली: केंद्र सरकार को अक्टूबर 2025 में वस्तु एवं सेवा कर (GST) से ₹1.96 लाख करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ, जो पिछले वर्ष की तुलना में 4.6% अधिक है। यह वृद्धि ऐसे समय में दर्ज की गई है जब हाल ही में कई उपभोक्ता वस्तुओं और सेवाओं पर कर दरों में कटौती की गई थी।
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर माह का जीएसटी संग्रह अब तक का दूसरा सबसे अधिक मासिक संग्रह है। सितंबर 2025 में यह राशि ₹1.93 लाख करोड़ रही थी।
राज्यवार आंकड़ों से पता चलता है कि अधिकांश राज्यों में कर संग्रह में स्थिर वृद्धि दर्ज की गई है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश जैसे औद्योगिक राज्यों ने इस वृद्धि में अहम योगदान दिया।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह वृद्धि भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती और उपभोग मांग में सुधार का संकेत देती है। साथ ही, त्योहारी सीजन में बढ़ी खरीदारी ने भी कर संग्रह को सहारा दिया।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBIC) के अनुसार, केन्द्रीय जीएसटी (CGST) से ₹35,200 करोड़, राज्य जीएसटी (SGST) से ₹44,300 करोड़, एकीकृत जीएसटी (IGST) से ₹1.05 लाख करोड़ (जिसमें आयात पर ₹48,000 करोड़ शामिल हैं), और सेस से ₹11,700 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ।
सरकार का लक्ष्य वित्त वर्ष 2025-26 में हर माह औसतन ₹2 लाख करोड़ के जीएसटी संग्रह का है। विशेषज्ञों का मानना है कि डिजिटल बिलिंग और ई-वे बिल सिस्टम में सुधार से कर चोरी पर लगाम लगाई जा रही है, जिससे राजस्व में लगातार वृद्धि हो रही है।
