SOURCE Financial News
सार्वजनिक पेशकश (IPO) के लिए एक ऐतिहासिक वर्ष की ओर अग्रसर है, जिसमें विश्लेषकों का अनुमान है कि इस वर्ष IPO के माध्यम से ₹2 लाख करोड़ से अधिक की धनराशि जुटाई जाएगी। यह आंकड़ा पिछले रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए तैयार है, जो भारत की मजबूत आर्थिक स्थिति और बढ़ती निवेशक धारणा को दर्शाता है।
केपीएमजी (KPMG) के विश्लेषण के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2025 में भारतीय IPO बाजार वैश्विक आर्थिक अस्थिरता के बावजूद लचीला बना रहा। इस अवधि में 80 मुख्य बोर्ड IPO देखे गए, जो पिछले वर्ष (76) से थोड़ा अधिक थे, जिसमें कुल ₹1,630 बिलियन (लगभग $19.5 बिलियन) की पूंजी जुटाई गई, जो पिछले वर्ष के ₹619 बिलियन (लगभग $7.4 बिलियन) की तुलना में एक महत्वपूर्ण वृद्धि है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) धन जुटाने के मामले में वैश्विक स्टॉक एक्सचेंजों में शीर्ष पर रहा, NASDAQ को भी पीछे छोड़ दिया।
IPO उछाल के प्रमुख कारण:
* मजबूत घरेलू तरलता: भारत के IPO बूम को घरेलू म्यूचुअल फंडों से मिल रही मजबूत तरलता द्वारा बढ़ावा मिल रहा है, जो बढ़ती बचत से प्रेरित है। 2021 के विपरीत, जहां अंतरराष्ट्रीय पूंजी का प्रभुत्व था, 2025 में 75% से अधिक IPO फंडिंग घरेलू निवेशकों से आ रही है। यह खुदरा निवेशकों की बढ़ती भागीदारी को दर्शाता है।
* अनुकूल आर्थिक बुनियादी सिद्धांत: 6.5% की अनुमानित सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर, मजबूत घरेलू खपत, सेवा क्षेत्र के प्रदर्शन और सरकारी बुनियादी ढांचे के निवेश जैसे मजबूत आर्थिक बुनियादी सिद्धांत IPO बाजार को समर्थन दे रहे हैं।
* क्षेत्रीय विविधता: 2025 की IPO पाइपलाइन में स्वास्थ्य सेवा, प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचा जैसे विविध क्षेत्र शामिल हैं, जिसमें अदानी एंटरप्राइजेज (₹20,000 करोड़) और नायका फैशन जैसी कंपनियां अग्रणी हैं। स्वास्थ्य सेवा IPO विशेष रूप से निवेशकों की उच्च रुचि के कारण आकर्षण प्राप्त कर रहे हैं।
* SEBI का गोपनीय फाइलिंग मार्ग: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा 2023 में पेश किए गए गोपनीय प्री-फाइलिंग मार्ग ने कंपनियों को संवेदनशील व्यावसायिक डेटा का खुलासा किए बिना IPO बाजार का परीक्षण करने की अनुमति दी है। इससे कंपनियों को सार्वजनिक जांच के बिना निवेशकों की रुचि का आकलन करने और आंतरिक सुधार करने में मदद मिली है।
* लाभप्रदता पर ध्यान: पिछले IPO चक्रों से एक महत्वपूर्ण बदलाव लाभप्रदता और टिकाऊ व्यावसायिक मॉडल पर निवेशकों का बढ़ता ध्यान है। मीशो (Meesho) और वेकफिट (Wakefit) जैसी कंपनियां, जो लाभप्रदता का दावा करती हैं, निवेशकों के लिए आकर्षक साबित हो रही हैं।
हालांकि, कुछ चुनौतियां भी बनी हुई हैं, जैसे वैश्विक व्यापार तनाव और कुछ कंपनियों के लिए उच्च मूल्यांकन। पहली तिमाही में IPO गतिविधि में गिरावट भी देखी गई थी, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि दूसरी छमाही में गति तेज होगी। एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज (HDB Financial Services) जैसे सफल डेब्यू के बाद निवेशकों की धारणा मजबूत हुई है।
कुल मिलाकर, भारत का IPO बाजार इस वर्ष रिकॉर्ड ऊंचाई छूने के लिए तैयार है, जो देश की गतिशील वित्तीय परिदृश्य और निवेशकों के आत्मविश्वास को दर्शाता है। आगामी महीनों में कई बड़े IPO पाइपलाइन में हैं, जो इस ऐतिहासिक वर्ष को और भी महत्वपूर्ण बना सकते हैं।
