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नई दिल्ली: भारत सरकार ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के तेजी से बढ़ते उपयोग और उसके संभावित खतरों को ध्यान में रखते हुए इसके विनियमन (regulation) की दिशा में पहला ठोस कदम उठाया है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बुधवार को एक प्रारंभिक नीति ढांचा जारी किया है, जिसका उद्देश्य देश में AI तकनीक के सुरक्षित, पारदर्शी और जिम्मेदार उपयोग को सुनिश्चित करना है
इस नीति के तहत सरकार ने कहा है कि सभी AI प्लेटफॉर्म्स को “सुरक्षा और नैतिकता मानकों” का पालन करना होगा। इसमें डेटा गोपनीयता, फेक न्यूज रोकथाम, और एल्गोरिदम की पारदर्शिता जैसी शर्तें शामिल होंगी।
सरकार के अनुसार, यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब जनरेटिव AI (जैसे ChatGPT, Gemini आदि) के इस्तेमाल में तेजी से वृद्धि हो रही है और इसके दुरुपयोग — जैसे डीपफेक, गलत सूचना, और निजता उल्लंघन — को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं।
आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “AI भारत की आर्थिक वृद्धि का प्रमुख इंजन बन सकता है, लेकिन इसके लिए हमें जिम्मेदारी और सुरक्षा दोनों को साथ लेकर चलना होगा। यह नीति उसी दिशा में पहला कदम है।”
विशेषज्ञों का कहना है कि यह पहल भारत को उन देशों की सूची में शामिल करती है जो AI के नियमन को लेकर अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं, जैसे यूरोपीय संघ (EU AI Act) और अमेरिका।
आगामी महीनों में सरकार उद्योग, शिक्षा जगत और नागरिक समाज से सुझाव लेकर अंतिम नीति तैयार करेगी, जिसे संसद में पेश किया जा सकता है।
