Source CNBC
नई दिल्ली – भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित कर सुधारों से देश में उपभोग व्यय में भारी वृद्धि होने की उम्मीद है। विश्लेषकों का मानना है कि ये सुधार न केवल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देंगे बल्कि अमेरिकी शुल्कों के प्रभाव को कम करने में भी मदद करेंगे।
CNBC के ‘इनसाइड इंडिया’ न्यूज़लेटर के अनुसार, सरकार की योजना कर प्रणाली को सरल बनाने की है, जिसमें विशेष रूप से आवश्यक वस्तुओं पर कर की दर को कम करके 5% तक लाना शामिल है। यह कदम आम लोगों के लिए वस्तुओं को अधिक किफायती बनाएगा, जिससे उनकी खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी।
टैरिफ का प्रभाव कम होगा
अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर लगाए गए उच्च शुल्कों के कारण निर्यात पर पड़ रहे नकारात्मक प्रभाव को कम करने में ये कर सुधार एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। घरेलू उपभोग में वृद्धि से अर्थव्यवस्था को एक नई गति मिलेगी, जिससे बाहरी झटकों का सामना करने में मदद मिलेगी।
जानकारों के मुताबिक, करों में कटौती सीधे तौर पर उपभोक्ताओं के हाथ में अधिक पैसा छोड़ेगी। इसका परिणाम यह होगा कि वे अधिक खर्च कर पाएंगे, जिससे बाजार में मांग बढ़ेगी और अंततः उत्पादन और रोजगार में भी वृद्धि होगी। यह एक ऐसा चक्र है जो भारतीय अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा दे सकता है।
विश्लेषकों ने इस कदम को भारत की संरचनात्मक स्थिरता के लिए एक सकारात्मक संकेत बताया है। उनका मानना है कि यह सुधार न केवल अल्पकालिक लाभ प्रदान करेगा बल्कि लंबी अवधि में भी आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा।
