SOURCE Mint
(10-14 जून, 2025) में गिरावट दर्ज की, जिसमें बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी 50 दोनों में लगभग 1% की साप्ताहिक गिरावट आई। वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें और कुछ क्षेत्रों में मुनाफावसूली ने बाजार को नीचे धकेला। निवेशकों के मन में अब यह सवाल है कि क्या यह सुधार (करेक्शन) आगे भी जारी रहेगा।
गिरावट के प्रमुख कारण:
* भू-राजनीतिक तनाव: इज़राइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव ने वैश्विक बाजारों को चिंतित कर दिया है, जिससे निवेशकों ने जोखिम भरी संपत्तियों से दूरी बनाई है। भारत, कच्चे तेल का एक बड़ा आयातक होने के नाते, विशेष रूप से प्रभावित हुआ है क्योंकि मध्य पूर्व में किसी भी व्यवधान से आपूर्ति बाधित हो सकती है और तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं।
* कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि: इजरायल के ईरान पर हमले की खबरों के बाद कच्चे तेल की कीमतें 10% से अधिक बढ़ गईं। कच्चे तेल की ऊंची कीमतें भारत के राजकोषीय गणित के लिए नकारात्मक हैं और मुद्रास्फीति के दबाव को फिर से बढ़ा सकती हैं।
* कमजोर वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण: व्यापार युद्ध से संबंधित चिंताओं और वैश्विक आर्थिक विकास के धूमिल दृष्टिकोण ने भी बाजार की धारणा को कमजोर किया है।
* लाभ लेने का रुझान: हाल की तेजी के बाद, निवेशकों ने कुछ लाभ लेने का फैसला किया, जिससे बाजार में बिकवाली का दबाव बढ़ा। खासकर आईटी, एफएमसीजी और निजी बैंकों जैसे क्षेत्रों में गिरावट देखी गई।
* एफआईआई की बिकवाली: विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) इस सप्ताह कुछ हद तक शुद्ध विक्रेता बने रहे, हालांकि कुछ दिनों में शुद्ध खरीदारी भी देखी गई। पिछले कुछ समय से एफआईआई की बिकवाली बाजार के लिए चिंता का विषय रही है।
क्या जारी रहेगा सुधार?
विशेषज्ञों की राय मिश्रित है। कुछ का मानना है कि मौजूदा स्तरों पर खरीदारी के अवसर मिल सकते हैं, जबकि अन्य आगे की अस्थिरता की चेतावनी दे रहे हैं।
* तकनीकी संकेत: निफ्टी 50 ने साप्ताहिक रूप से 1% से अधिक का नुकसान दर्ज किया और 25,000 के स्तर को बनाए रखने में विफल रहा, जो एक मंदी का संकेत है। हालांकि, साप्ताहिक समय-सीमा पर, निफ्टी अपने सभी प्रमुख एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज (ईएमए) से ऊपर कारोबार कर रहा है, जो एक मजबूत अंतर्निहित अपट्रेंड और डिप्स पर समर्थन का संकेत देता है। 24,500 और 24,300 पर तत्काल समर्थन स्तर देखे जा सकते हैं, जबकि 24,800 और 25,000 प्रमुख प्रतिरोध स्तर हैं।
* विशेषज्ञों की राय:
* कुछ विश्लेषकों का मानना है कि निफ्टी के लिए तत्काल समर्थन 24,500 के आसपास है और यदि यह स्तर बना रहता है, तो एक शॉर्ट-टर्म उछाल 24,900 की ओर दिख सकता है।
* कई विशेषज्ञों ने संकेत दिया है कि मौजूदा बाजार गैर-दिशात्मक बना हुआ है और स्तर-आधारित ट्रेडिंग दिन के व्यापारियों के लिए आदर्श रणनीति होगी।
* एमके ग्लोबल ने मार्च 31, 2026 के लिए निफ्टी 50 का लक्ष्य 26,000 बनाए रखा है, जो दर्शाता है कि लंबी अवधि में बाजार में तेजी की उम्मीद है।
* कुछ विश्लेषकों का मानना है कि कोई भी सार्थक सुधार खरीदारी का अवसर माना जाना चाहिए।
आगे क्या?
बाजार की चाल वैश्विक संकेतों, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव, और आगामी तिमाही नतीजों से प्रभावित होगी। निवेशकों को सावधानी बरतने और गुणवत्ता वाले लार्ज-कैप शेयरों पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी जाती है। भू-राजनीतिक घटनाक्रमों और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के कदमों पर भी करीब से नजर रखी जाएगी। बाजार में मौजूदा अस्थिरता के बीच विविधीकृत पोर्टफोलियो बनानामहत्वपूर्ण है।
