भारतीय शेयर बाजार में आज भारी गिरावट देखी गई, जिससे निवेशकों के लगभग ₹7 लाख करोड़ डूब गए।सेंसेक्स 1,400 अंकों से अधिक गिरकर 82,900 के नीचे आ गया, जबकि निफ्टी 400 अंकों से अधिक का गोता लगाकर 25,379 पर बंद हुआ।
इस गिरावट के पीछे चार प्रमुख कारण माने जा रहे हैं:
1. मध्य पूर्व में बढ़ता तनाव: इज़राइल और ईरान के बीच बढ़ते संघर्ष ने वैश्विक बाजारों में चिंता बढ़ा दी है, जिससे निवेशक सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं।
2. कमजोर वैश्विक संकेत: अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की धीमी गति के संकेत और वैश्विक बाजारों में बिकवाली ने भारतीय बाजार पर नकारात्मक प्रभाव डाला है।
3. सेबी का नया सर्कुलर: फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) से संबंधित नए नियमों की घोषणा ने निवेशकों में अनिश्चितता पैदा की है, जिससे बाजार में बिकवाली का दबाव बढ़ा है।
4. उच्च मूल्यांकन और घरेलू निवेशकों की कम भागीदारी: बाजार के उच्च मूल्यांकन और घरेलू निवेशकों की कम सक्रियता ने भी गिरावट में योगदान दिया है।
सेंसेक्स की 30 में से अधिकांश कंपनियों के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई, विशेषकर रिलायंस इंडस्ट्रीज, सन फार्मा, बजाज फिनसर्व, एनटीपीसी, टाटा मोटर्स, एक्सिस बैंक और टाइटन में प्रमुख रूप से गिरावट देखी गई।
विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से जुड़ी अनिश्चितता, चीन में आर्थिक प्रोत्साहन उपायों की उम्मीद और विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली ने बाजार की धारणा को कमजोर किया है। आगे की बाजार दिशा वैश्विक घटनाक्रमों और घरेलू आर्थिक संकेतकों पर निर्भर करेगी।
