SOURCE India Today
तेहरान/यरुशलम: मध्य पूर्व में तनाव उस समय अपने चरम पर पहुंच गया जब इजरायल ने शुक्रवार तड़के ईरान के कई इलाकों में अभूतपूर्व हवाई हमले किए। रिपोर्टों के अनुसार, इन हमलों में ईरान के महत्वपूर्ण परमाणु प्रतिष्ठानों को भी निशाना बनाया गया है, जिससे वैश्विक स्तर पर चिंता की लहर दौड़ गई है। ईरान ने इन हमलों की पुष्टि की है, लेकिन नुकसान के बारे में अभी तक विस्तृत जानकारी नहीं दी है।
इजरायल ने हालांकि इन हमलों पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन यह कार्रवाई ईरान द्वारा हाल ही में इजरायली क्षेत्र पर किए गए मिसाइल और ड्रोन हमलों के जवाब में मानी जा रही है। इन ताजा हमलों ने पहले से ही अस्थिर क्षेत्र में एक बड़े संघर्ष की आशंका को और बढ़ा दिया है।
यहां 10 प्रमुख घटनाक्रम दिए गए हैं:
* बड़े पैमाने पर हमले: इजरायली लड़ाकू विमानों ने ईरान के विभिन्न प्रांतों में कई ठिकानों पर एक साथ हमले किए।
* परमाणु प्रतिष्ठान निशाने पर: शुरुआती रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि नतान्ज़ और फ़ोर्डो सहित ईरान के कुछ प्रमुख परमाणु संवर्धन स्थलों को निशाना बनाया गया है।
* ईरानी पुष्टि, विवरण अस्पष्ट: ईरान ने हमलों की पुष्टि की है और दावा किया है कि अधिकांश मिसाइलों और ड्रोन को रोक दिया गया था, हालांकि स्वतंत्र सत्यापन अभी बाकी है।
* तेहरान में धमाके: ईरानी राजधानी तेहरान के आसपास भी जोरदार धमाकों की आवाज सुनी गईं, हालांकि यहां हुए नुकसान की सीमा स्पष्ट नहीं है।
* अंतर्राष्ट्रीय निंदा और चिंता: संयुक्त राष्ट्र और कई वैश्विक शक्तियों ने तत्काल संयम बरतने और तनाव कम करने का आग्रह किया है।
* तेल बाजार में उछाल: हमलों की खबर के बाद अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों में तेजी से उछाल देखा गया, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था पर संभावित प्रभावों का संकेत है।
* हवाई क्षेत्र बंद: कई एयरलाइंस ने एहतियात के तौर पर ईरान और इजरायल के ऊपर से उड़ानों को रद्द या पुनर्निर्देशित कर दिया है।
* इजरायली रक्षा अलर्ट: इजरायल ने अपने सैन्य बलों को हाई अलर्ट पर रखा है और अपनी वायु रक्षा प्रणालियों को मजबूत किया है।
* ईरान का बदला लेने का संकल्प: ईरान के सर्वोच्च नेता और सैन्य अधिकारियों ने इजरायल को “कठोर जवाब” देने की कसम खाई है।
* सुरक्षा परिषद की आपात बैठक: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इस गंभीर स्थिति पर चर्चा के लिए एक आपातकालीन सत्र बुलाया है।
इन हमलों के बाद क्षेत्र में स्थिति बेहद तनावपूर्ण बनी हुई है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस बात को लेकर चिंतित है कि यह टकराव किस दिशा में जाएगा।
