SOURCE India Today
यरुशलम: इजरायली रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने एक चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा है कि ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खमेनेई को खत्म करने की योजना इजरायल के एजेंडे में थी, और इसके लिए अमेरिका की सहमति की कोई आवश्यकता नहीं थी। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि इस योजना को अंजाम देने का सही सैन्य अवसर नहीं मिल पाया।
काट्ज़ ने हाल ही में एक इंटरव्यू में यह बयान दिया, जिससे ईरान और इजरायल के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों में और गर्माहट आ गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इजरायल अपनी सुरक्षा के लिए ऐसे कदम उठाने में किसी बाहरी शक्ति की अनुमति का मोहताज नहीं है।
यह खुलासा ऐसे समय में हुआ है जब ईरान और इजरायल के बीच हाल ही में हुए संघर्ष के बाद दोनों देशों के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। इजरायल ने ईरान पर अपने परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ाने और क्षेत्र में अस्थिरता फैलाने का आरोप लगाया है, जबकि ईरान इजरायल को मध्य पूर्व में अमेरिकी हितों का मोहरा बताता रहा है।
काट्ज़ ने आगे कहा कि अगर खमेनेई इजरायल की पहुंच में होते, तो वे उन्हें “ले लेते”। उन्होंने खमेनेई को हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह से भी तुलना की, जिनकी पिछले साल कथित तौर पर इजरायली हमले में मौत हो गई थी। काट्ज़ के इस बयान को खमेनेई के लिए एक सीधी चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है।
गौरतलब है कि ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खमेनेई हाल ही में 19 जून के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से सामने आए थे और उन्होंने एक वीडियो संदेश जारी कर कतर स्थित अमेरिकी एयरबेस पर मिसाइल हमले को अमेरिका के मुंह पर “तमाचा” बताया था।
इस खुलासे से क्षेत्र में भू-राजनीतिक समीकरणों पर गहरा असर पड़ने की संभावना है। यह इजरायल की आक्रामक सुरक्षा नीति को रेखांकित करता है और ईरान के लिए एक गंभीर संदेश है कि इजरायल अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। विश्लेषकों का मानना है कि इससे भविष्य में इजरायल और ईरान के बीच सीधी सैन्य भिड़ंत का खतरा बढ़ सकता है।
